लुधियाना : पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन के अवसर पर नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट द्वारा 2018 के सतपाल मितल नेशनल अवार्ड से संबंधित समारोह के लिए आयोजित इनाम वितरण समारोह में शिरकत करने हेतु पहुंचे सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि भारत जल्द विश्व के श्रेष्ठ देशों में शामिल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत जिस विकास की रफ्तार से चल रहा है, उससे वह अपने रीजन में श्रेष्ठ देश बन चुका है और इसी तरह विकास की गति चलती रही तो जल्द ही हम दुनिया के श्रेष्ठ देशों में होंगे। उन्होंने पंजाब के युवकों को भारतीय सेना का अंग बनकर देश और देशवासियों की सेवा के लिए आगे आने का आमंत्रण भी दिया।
इस दौरान जनरल रावत ने लोगों से पश्चिमी संस्कृति को छोड़ भारतीय संस्कृति को अपनाने का आह्वान किया। जनरल ने कहा कि हमारे राष्ट्र की संस्कृति दुनिया की सबसे मजबूत संस्कृति है। इसमें मानवता, भाईचारा और धर्म शामिल है, लेकिन बड़ी संख्या में भारतीय पश्चिमी संस्कृति का अनुकरण कर रहे हैैं। समारोह में उपस्थित स्टूडेंट्स को जनरल ने भारत की गुरु-शिष्य परंपरा का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि वह इससे कभी विमुख न हों। उन्होंने कहा कि आसमान जैसा लक्ष्य तय करें और आप चांद-तारों तक जरूर पहुंचेंगे।
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हालांकि मेहनत के बावजूद कई बार कामयाबी नहीं मिलती, लेकिन आपको हतोत्साहित होने की जरूरत नहीं है। प्रत्येक असफलता ज्यादा मेहनत को प्रेरित करती है और उसी से फिर सफलता मिलती है। इस मौके पर जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत भी उपस्थित रहीं। नेहरू सिद्धांत केंद्र के चेयरमैन राकेश भारती मित्तल, पूर्व सेनाध्यक्ष वीके मलिक व सैन्य अधिकारी उपस्थित रहे। इस मौके पर नेहरू सिद्धांत केंद्र और भारतीय सेना के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत देश की श्रेष्ठ शिक्षण संस्थानों में शूमार सतपाल मित्तल स्कूल ड्यूटी के दौरान मारे गए या विकलांग होने वाले सैनिकों के सौ बच्चों को मुफ्त में शिक्षा प्रदान करेगा।
इस दौरान जनरल रावत ने पैडमैन (सस्ते सैनेटरी पैड निर्माता) के रूप में विख्यात अरुणाचलम मुरुगनंतम सहित पांच शख्सियतों और संस्थाओं को सतपाल मित्तल नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया। मुरुगनंतम के अलावा सम्मान पाने वालों में स्वास्थ के क्षेत्र में काम करने वाली तिरुमालाई चैरिटी ट्रस्ट, द लैप्रोसी ट्रस्ट इंडिया, शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली एनजीओ दीपालय और कम कीमत वाली रैबीज दवा का इजाद करने वाले शिमला के डॉक्टर ओमेश कुमार भारती शामिल रहे। अवार्ड पाने वाली शख्सियतों के बीच 12 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई।
स्मरण रहे कि समागम के दौरान नेहरू सिद्धांत केंद्र ट्रस्ट द्वारा भारतीय सेना के साथ समझौता किया गया, जिसके अंतर्गत देश के लिए शहीद होने वाले भारतीय सिपाहियों के बच्चों को अत्याधुनिक शिक्षा उपलब्ध करवाने हेतु ट्रस्ट द्वारा प्रत्येक वर्ष 100 शख्सियतों को वजीफे दिए जाएंगे। यह वजीफे प्रथम कक्षा से पांचवी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए होंगे।
इसके अलावा वजीफे धारक योगय विद्यार्थियों को 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई हेतु फंड भी उपलब्ध करवाएं जाएंगे। एक परिवार के ज्यादा से ज्यादा 2 बच्चों को यह वजीफा मिल सकेेंगा। लड़कियों को वजीफे हेतु प्राथमिकता दी जाएंगी। उल्लेखनीय है कि ट्रस्ट द्वारा अब तक 17100 गरीब और वांछित विद्यार्थियों को वजीफे मुहैया करवाएं जा चुके है।
– रीना अरोड़ा