लुधियाना-अमृतसर : ऑपरेशन ब्लू स्टार का असर 34 वर्ष बीत जाने के बावजूद आज भी पंजाब में विशेषकर गुरू की नगरी अमृतसर के इर्द-गिर्द गांवों और कस्बों में स्पष्ट दिखाई देता है। 5 और 6 जून को अलग-अलग सिख संगठनों और पंथक नेताओं द्वारा घुल्लूघारा के रूप में मनाई जाने वाली वषगांठ के अवसर पर पंजाबियों के दिलों की धडक़ने बढ़ जाती है और उन्हें किसी अनहोनी की आशंका के मध्यनजर डर बना रहता है।
स्मरण रहे कि 34 वर्ष पहले सिखों के सर्वाेच्च स्थल दरबार साहिब और श्री अकाल तख्त साहिब पर भारतीय सेना ने आतंकवादियों का सफाया करने के उददेश्य से हमला किया था। इस दौरान हजारों निहत्थे सिंह और सिंहनियां बच्चों समेत प्राणों की आहूति दे गए थे। उन्हीं की याद में अलग- अलग पंथक संगठन श्री अकाल तख्त साहिब और दरबार साहिब में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाते हुए जहां पंथक शहीदों को श्रद्धांजलि देते है, वही सरबत के भले के लिए भी अरदास करते है।
आज उसी क्रम में 5 और 6 जून के समस्त सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लेने के लिए पंजाब पुलिस के डीजीपी सुरेश अरोड़ा स्वयं गुरू की नगरी अमृतसर में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने 6 जून को होने वाले समागमों की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंधों का जायजा भी लिया। हालांकि दल खालसा के सदस्यों ने 6 जून को अमृतसर मुकम्मल बंद करने का ऐलान किया है परंतु डीजीपी ने आम लोगों को अपील की है कि वे अपने कारोबार को दिनचर्या के मुताबिक चालू रखे। गुरू की नगरी और दरबार साहिब के इर्द-गिर्द बसे घनी आबादी क्षेत्र और गलियारों में केंद्रीय सुरक्षा बलों की 6 कंपनियों समेत पंजाब पुलिस की अतिरिक्त टुकडिय़ों को सुरक्षात्मक दृष्टि से तैनात किया जा रहा है।
– सुनीलराय कामरेड
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