हरियाणा के सोनीपत में सिंघु बॉर्डर पर युवक की बर्बर हत्याके बाद निहंग सिखों और किसान आंदोलन के नेताओं के बीच तल्खी अब सामने आ गई है। निहंगों को किसान आंदोलन से हटाने की मांग जोर पकड़ रही है जिसके बाद निहंग जत्थेबंदियों ने 27 अक्टूबर को सिंघु बॉर्डर पर ही धार्मिक एकत्रता या कहे तो महापंचायत बुलाई है। इस बैठक में जनमत संग्रह के आधार पर फैसला लिया जाएगा कि उन्हें कृषि कानून विरोधी प्रदर्शन से वापस जाना चाहिए या नहीं। इसमें निहंगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई पर भी मंथन किया जाएगा।
सिंघु बॉर्डर पर बैठी निहंग जत्थेबंदियों के प्रमुखों में शामिल निहंग राजा राम सिंह ने कहा कि 27 अक्टूबर को सिंघु बॉर्डर पर होने वाली धार्मिक एकत्रता में संत समाज के सभी लोग, बुद्धिजीवी और संगत हाजिर रहेगी। उस दौरान संयुक्त रूप से जो भी फैसला लिया जाएगा, निहंग जत्थेबंदियां उसे मान लेंगी। यहां निहंग जो फैसला लेंगे, उसे पूरी संगत मानेगी। बता दें कि 15 अक्टूबर को दशहरे वाली सुबह सिंघु बॉर्डर पर तरनतारन के लखबीर सिंह की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में फिलहाल निहंग इस बात पर अड़े हुए हैं कि उनकी ओर से कोई गलती नहीं की गई। लखबीर सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की इसीलिए उसकी हत्या की गई।
निहंग बाबा राजाराम सिंह ने कहा कि हम भागने वालों में से नहीं है। जो हमने किया है, उसे स्वीकार किया है। अदालत में हमारे साथियों ने स्वीकार किया है। साथ ही उन्होंने एसकेएम नेता योगेंद्र यादव पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि योगेंद्र यादव को एसकेएम ने सिर चढ़ा रखा है। वह भाजपा और आरएसएस का बंदा है। उनके सामने आकर जवाब देकर दिखाएं। वहीं दलित युवक लखबीर सिंह की हत्या मामले में सोनीपत पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने आरोपी सरबजीत सिंह से पूछताछ के बाद उसके खून से सने कपड़े और वारदात में उपयोग की गई तलवार को भी बरामद कर लिया है। साथ ही, पुलिस ने आरोपी नारायण सिंह (जिसने दलित युवक लखबीर के पैर और हाथ काटे थे) के कपड़े और तलवार (Sword) को भी जब्त कर लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोनीपत पुलिस ने आरोपी के पास से बरामद मोबाइल को फोरेंसिक जांच के लिए भी लैब में भेज दिया है। साथ ही कहा जा रहा है कि पुलिस अभी कुछ ओर लोगों को भी गिरफ्तार कर सकती है।