तमिलनाडु के संगठन ने श्रीलंका के आत्मघाती हमलावरों को उकसाया : बौद्ध भिक्षु - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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तमिलनाडु के संगठन ने श्रीलंका के आत्मघाती हमलावरों को उकसाया : बौद्ध भिक्षु

अल्पसंख्यकों और अधिकार समूहों ने इस फैसले की काफी आलोचना की थी। रिहाई के बाद बौद्ध भिक्षु पहली बार मीडिया के सामने आए।

श्रीलंका के एक बौद्ध भिक्षु ने दावा किया कि तमिलनाडु स्थित एक इस्लामिक संगठन ने स्थानीय इस्लामिक चरमपंथी समूह एनटीजे को ईस्टर पर देश का सबसे भयानक आतंकी हमला करने के लिए उकसाया था। बौद्ध भिक्षु को विवादास्पद तरीके से जेल से रिहा कर दिया गया था। इससे पहले इस महीने श्रीलंका के सेना प्रमुख ने कहा कि कुछ आत्मघाती हमलावर ‘‘प्रशिक्षण’’ लेने या अन्य विदेशी संगठनों से ‘‘कुछ और संपर्क बनाने’’ के लिए कश्मीर और केरल गए थे। 

नौ आत्मघाती हमलावरों ने 21 अप्रैल को तीन गिरजाघरों और कई लग्जरी होटलों में हमले किए जिनमें करीब 260 लोगों की मौत हो गई और 500 अन्य घायल हो गए। कट्टरपंथी बौद्ध भिक्षु गालगोडाट्टे ग्नानसारा ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि तमिलनाडु तौहीद जमात (टीएनटीजे) के दो लोग अयूब और अब्दीन श्रीलंका आए थे। ग्नानसारा ने कहा, ‘‘उन्होंने यहां अब्दुल रजिक से मुलाकात की। इसका मकसद मुसलमानों पर हमला करने के लिए बौद्धों को उकसाना था। 

उन्होंने बुद्ध की अपमानजनक कहानियां फैलाई।’’ राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए कट्टरपंथी बौद्ध भिक्षु की रिहाई के आदेश दिए थे। धार्मिक अल्पसंख्यकों और अधिकार समूहों ने इस फैसले की काफी आलोचना की थी। रिहाई के बाद बौद्ध भिक्षु पहली बार मीडिया के सामने आए।

 उन्हें गत वर्ष अगस्त में अदालत की अवमानना के लिए छह साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। सिरिसेना की माफी के कारण जेल में नौ महीने की सजा काटने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। ग्नानसारा ने कहा, ‘‘टीएनटीजे ने श्रीलंका तौहीद जमात (एसएलटीजे) बनाई और बाद में ऑल सिलोन तौहीद जमात बनाई। एसएलटीजे बाद में नौ अलगाववादी नेताओं में बंट गया।’’  

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