द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी केंद्र सरकार से विवादास्पद नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को रद्द करने और भारत के शरणार्थी शिविरों में रह रहे श्रीलंकाई तमिलों को नागरिकता प्रदान करने का अनुरोध लगातार करती रहेगी। शनिवार को जारी किए गए पार्टी के घोषणापत्र में उन्होंने कहा कि द्रमुक ने सीएए का पुरजोर विरोध किया था और इसके खिलाफ अभियान चलाया था।
यहां तक कि द्रमुक ने इस कानून को रद्द करने का दबाव डालने के लिए तमिलनाडु में एक करोड़ हस्ताक्षर करवाने का अभियान भी चलाया था। उन्होंने कहा, ” केंद्र सरकार से नागरिकता संशोधन कानून,2019 को रद्द करने का अनुरोध किया जाएगा।” द्रमुक ने घोषणापत्र में कहा है कि केंद्र सरकार से श्रीलंका को सीएए में शामिल करने और भारत के शरणार्थी शिविरों में रहने वाले श्रीलंकाई तमिलों को नागरिकता प्रदान करने का अनुरोध किया जाएगा।
द्रमुक अध्यक्ष ने एक बयान में कहा, ” मैं एक बार फिर दोहराना चाहता हूं कि अगर द्रमुक सत्ता में आई तो विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर सीएए को रद्द करने को लेकर आवाज उठाई जाएगी।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि कथित किसान-विरोधी चेन्नई-सलेम राजमार्ग परियोजना को लागू नहीं किया जाएगा। द्रमुक ने अपने चुनावी घोषणापत्र के 505 बिंदुओं में कई लोकलुभावन वादे किए हैं।