केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान 12वें दिन भी दिल्ली सीमा पर डटे हुए हैं। पिछले दिन केंद्र और किसान संगठनों के नेताओं के बीच हुई वार्ताओं से कोई हल निकलकर सामने नहीं आया। इस बीच किसान संगठनों मंगलवार को भारत बंद का ऐलान किया है। किसान संगठनों के इस आह्वान को विपक्षी दलों समेत कई क्षेत्रीय संगठनों का साथ मिला है। लेकिन ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भारत बंद को समर्थन करने से किनारा किया है।
टीएमसी सांसद सौगत राय ने सोमवार को कहा, तृणमूल कांग्रेस आंदोलनकारी किसानों के साथ खड़ी है लेकिन हम पश्चिम बंगाल में भारत बंद का समर्थन नहीं करेंगे। यह (बंद) हमारे सिद्धांतों के खिलाफ जाता है। गौरतलब है कि सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच शनिवार को 5वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही थी। इसके बाद केंद्र ने गतिरोध समाप्त करने के लिए नौ दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है।
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के प्रमुख एम के स्टालिन तथा गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला समेत प्रमुख विपक्षी नेताओं ने रविवार को एक संयुक्त बयान जारी कर किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए ‘भारत बंद’ का समर्थन किया और केंद्र पर प्रदर्शनकारियों की वैध मांगों को मानने के लिये दबाव बनाया।