महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बिहार चुनाव के प्रभारी देवेंद्र फणडवीस से सवाल किया है कि क्या वह महाराष्ट्र को बदनाम करने वाले गुप्तेश्वर पांडेय के लिए प्रचार मैदान में जाएंगे। सुशांत की मौत मामले में एम्स की रिपोर्ट आने के बाद देशमुख ने मंगलवार को विपक्ष पर हमला बोला।
देशमुख ने कहा, रिपोर्ट से यह साफ़ हुआ हुआ कि सुशांत की जहर से मौत नहीं हुई है। उन्होंने बीजेपी का नाम नहीं लेते हुए कहा कि सुशांत के मामले में एक राजनीतिक दल ने महाराष्ट्र को बदनाम करने की सुपारी ली थी और कठपुतलियों को भी नचाया गया था।
बिहार पुलिस के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय के राजनीति में प्रवेश को लेकर अनिल देशमुख ने कहा, मैं देवेंद्र फडणवीस से पूछना चाहता हूं कि क्या वह गुप्तेश्वर पांडे के लिए प्रचार करेंगे, जिस व्यक्ति ने महाराष्ट्र को बदनाम किया। और जिन लोगों ने महाराष्ट्र को बदनाम करने की साजिश रची वो सभी लोग महाराष्ट्र की जनता से माफ़ी मांगे।
गृहमंत्री देशमुख ने कहा, सुशांत के नाम पर महाराष्ट्र को बदनाम करने की साजिश रची गई। इसके अलावा मुंबई पुलिस को भी बदनाम करने के लिए निशाना बनाया गया। मुंबई पुलिस की जांच रिपोर्ट को लेकर झूठ फैलाया गया। सब जानते हैं कि इससे पीछे कौन था।
गौरतलब है कि बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पद से ऐच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने वाले गुप्तेश्वर पांडेय ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में शामिल हो गए। पांडेय भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वर्ष 1987 बैच के अधिकारी रहे हैं। पुलिस महकमे में पांडेय 33 साल सेवा दे चुके हैं।
इस दौरान वह पुलिस अधीक्षक से लेकर पुलिस उप महानिरीक्षक, महानिरीक्षक,अपर पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिदेशक तक के सफर में 26 जिलों में काम कर चुके हैं। उन्होंने 31 जनवरी 2019 को बिहार का पुलिस महानिदेशक बनाया गया था और उनका कार्यकाल 28 फरवरी 2021 को पूरा होने वाला था लेकिन उससे पहले ही उन्होंने ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली।