दिल्ली में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के लिए कोविड टीकाकरण अभियान शुरू किए जाने के कुछ दिन बाद कोवैक्सीन का स्टॉक खाली हो गया है, जिक्से बाद टीकाकरण अभियान को अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया।
दिल्ली सरकार ने हाल ही में कहा था कि वह अगले तीन महीनों में राष्ट्रीय राजधानी के सभी नागरिकों का टीकाकरण करेगी, मगर उसने बुधवार को कहा कि सभी केंद्रों पर कोवैक्सीन का स्टॉक पूरी तरह खाली हो गया है।उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हैदराबाद स्थित कोवैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक ने केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत दिल्ली को अतिरिक्त खुराक की आपूर्ति करने से इनकार कर दिया है।
सिसोदिया ने केंद्र पर वैक्सीन के कुप्रबंधन और कोविड टीके की आपूर्ति को नियंत्रित करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने दोनों टीकों – कोवैक्सीन और कोविशील्ड के लिए 67 लाख खुराक का ऑर्डर दिया था।
कोवैक्सीन की अतिरिक्त खुराक की खरीद के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से 7 मई को दिए गए ऑर्डर पर भारत बायोटेक ने जवाब दिया, “हमारे टीके की मांग अभूतपूर्व तरीके से बढ़ गई है और हर महीने उत्पादन बढ़ाने के बावजूद हम मांग पूरी करने में असमर्थ हैं। आगे, हम संबंधित सरकारी अधिकारियों के निर्देशों के अनुसार भेज रहे हैं। हमें अफसोस है कि हम आपकी (दिल्ली सरकार) जरूरत के मुताबिक, कोई अतिरिक्त आपूर्ति नहीं कर सकते।”
महाराष्ट्र में भी टीकाकरण अभियान रोका गया
महाराष्ट्र में कोविड-19 रोधी टीके की कमी के कारण राज्य सरकार ने 18 से 44 उम्र समूह के लोगों के लिए टीकाकरण अभियान को अस्थायी तौर पर रोकने और टीके की उपलब्ध खुराकों का इस्तेमाल 45 साल से ज्यादा समूह के लिए करने का फैसला किया है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने इस बारे में बताया।
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान यह फैसला किया गया।मंत्री ने कहा कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने महाराष्ट्र सरकार को सूचित किया है कि वह 20 मई से राज्य को 1.5 करोड़ कोविशील्ड टीके मुहैया करा पाएगी।
टोपे ने कहा, ‘‘45 साल से ज्यादा उम्र समूह वालों के टीकाकरण के लिए टीके की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो रही है। इसलिए राज्य मंत्रिमंडल ने फैसला किया है कि 18-44 उम्र समूह के लोगों के लिए उपलब्ध टीकों का इस्तेमाल 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए किया जाएगा। इसलिए हम कुछ समय तक 18-44 उम्र समूह के लोगों का टीकाकरण रोक रहे हैं। ’’पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ‘कोविशील्ड’ टीके का निर्माण करती है जबकि भारत बायोटेक ‘कोवैक्सीन’ टीके बनाती है।
मंत्री ने कहा कि ‘सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को 20 मई से कोविशील्ड टीके की आपूर्ति करने के बारे में अवगत कराया है। आपूर्ति मिलने पर 18-44 उम्र समूह के लिए टीकाकरण अभियान बहाल हो जाएगा।
टोपे ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार राज्यों को टीके की पर्याप्त खुराकें उपलब्ध कराने में अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही।