किसान आंदोलन को दो महीने का समय हो चुका है, लेकिन अभी तक इस समस्या का कोई भी समाधान नहीं निकला है। जहां किसान संगठन इन कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े है, वहीं सरकार ने अपना रुख साफ करते हुए कृषि कानूनों को ख़ारिज करने से साफ़ इंकार कर दिया है। हालांकि केंद्र सरकार ने किसानों के समक्ष कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने का प्रस्ताव पेश किया है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस संबंध में सोमवार को कहा कि नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने का सरकार का प्रस्ताव एक ‘‘सर्वश्रेष्ठ पेशकश’’ है और उन्हें उम्मीद है कि प्रदर्शनकरी किसान संगठन इस पर पुनर्विचार करेंगे तथा अपने फैसले से अवगत कराएंगे।
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सरकार और 41 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच 11वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी। 10वें दौर की वार्ता में सरकार ने नए कृषि कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने की पेशकश की थी, लेकिन किसान यूनियनों ने इसे खारिज कर दिया था।
सरकार ने यूनियनों से 11वें दौर की वार्ता में प्रस्ताव पर पुनिर्वचार करने और अपने निर्णय से अवगत को कहा था। तोमर ने कहा, ‘‘सरकार ने किसान यूनियनों को सर्वश्रेष्ठ प्रस्ताव दिया है। मुझे उम्मीद है कि वे आपस में चर्चा कर हमें अपने निर्णय से अवगत कराएंगे। एक बार उनके द्वारा इस बारे में अवगत कराए जाने पर हम इसे आगे बढ़ाएंगे।’’