झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज कहा कि स्थिर सरकार की बदौलत ही पिछले तीन वर्षों में राज्य में सकारात्मक बदलाव दिखने लगे हैं। श्री दास ने यहां आयोजित बजट पूर्व संगोष्ठी में कहा कि सरकार की मंशा है कि सभी योजनाएं जनता के हितों के अनुरूप जन भागीदारी के माध्यम से ही बनाई जाए। उन्होंने कहा कि झारखंड गांवों का राज्य है राज्य के विकास के लिए सरकार ने ग्रामीणों की सहभागिता से योजनाएं बनाने का अहम कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में मिली स्थिर सरकार की बदौलत ही पिछले तीन सालों में राज्य में सकारात्मक बदलाव दिखने लगे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समृद्ध झारखंड राज्य में कई तरह की विसंगतियां हैं। राज्य के विकास में गरीबी, अशिक्षा, अज्ञानता और डायन विसाही बाधक है। उन्होंने कहा कि सभी अपने गांवों में जाकर लोगों को बदलाव के लिए प्रेरित करें तभी समृद्ध और स्वावलंबी झारखंड का निर्माण हो सकेगा। श्री दास ने कहा कि बजट सिर्फ आय-व्यय का लेखा-जोखा नहीं होता बल्कि इससे विकास की दिशा तय होती है।
उनका मानना है कि अगला बजट लोगों की आकांक्षाओं और सोच के अनुरूप बने। सरकार में जन सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रमंडल के दूरस्थ जिलों में जाकर बजट पूर्व संगोष्ठी में लोगों की राय ली जा रही है। उन्होने कहा कि प्रत्येक गांव में विकास की गंगोत्री बहा कर झारखंड को दुनिया के विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए प्रयासरत है। राज्य में खनिज संपदाओं की कोई कमी नहीं है।
इसके मद्देनजर सरकार कृषि, उद्योग, सहकारिता और पर्यटन जैसे क्षेत्रों का विकास कर लोगों की बेरोजगारी दूर कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में एक मौन क्रांति करवट ले रही है। यह महिला सशक्तिकरण का आंदोलन है। सरकार मुख्यमंत्री लघु उद्यमी बोर्ड के माध्यम से 32 हजार गांवों में ग्राम संयोजक बना रही है।
उन्होंने कहा कि गांव की सड़क, तालाब, कुआं, डोभा, नाली और शौचालय निर्माण की योजनाओं का क्रियान्वयन ग्राम विकास समिति के माध्यम से किया जायेगा। इसमें महिलाओं की महत्वपूर्ण भुमिका होगी। उन्होने लोगों का आह्वान किया कि वे गांवों में जाकर लोगों के बीच बदलाव के लिए जागरुकता का संदेश दें तभी समृद्ध और खुशहाल राज्य का निर्माण होगा।
श्री दास ने बजट पूर्व संगोष्ठी में उपस्थित सभी जिलों के उपायुक्त, उप विकास आयुक्त एवं अन्य अधिकारियों से कहा कि वे रविवार को नियमित रूप से गांवों का भ्रमण कर विकास योजनाओं की समीक्षा करें। उन्होने कहा कि सामाजिक बुराई का ईलाज सामाजिक जागरुकता से ही संभव हैं। समग, और समावेशी विकास सभी लोगों की सामूहिक जिम्मेवारी है। उन्होने रांची जिले के एक गांव में बदलाव का उदाहरण देते हुए कहा कि महिलाएं अवैध शराब निर्माण की सूचना 181 पर दें तभी समाज में परिवर्तन आएगा। कार्यक्रम को मुख्य सचिव राजबाला वर्मा और विकास आयुक्त अमित खरे ने भी संबोधित किया और अपने-अपने विभाग से संबंधित जानकारी दी।
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