कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि सरकार भीषण ठंड के बावजूद आंदोलन करने को मजबूर किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं है इसलिए उसे बताना चाहिए कि किसानों को अभी कितनी आहुति देनी होगी। राहुल ने शनिवार को कहा, “कृषि कानूनों को हटाने के लिए हमारे किसान भाइयों को और कितनी आहुति देनी होगी।”
कृषि क़ानूनों को हटाने के लिए हमारे किसान भाइयों को और कितनी आहुति देनी होगी? pic.twitter.com/GSnazbYDoA
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 12, 2020
कांग्रेस नेता ने ट्वीट कर कहा कि “कृषि क़ानूनों को हटाने के लिए हमारे किसान भाइयों को और कितनी आहुति देनी होगी?” इसके अलावा उन्होंने इस ट्वीट के साथ एक खबर को भी शेयर किया है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘‘ पिछले 17 दिनों में 11 किसान भाईयों की शहादत के बावजूद निरंकुश मोदी सरकार का दिल नहीं पसीज रहा। वह अब भी अन्नदाताओं के साथ नहीं, अपने धनदाताओं के साथ क्यों खड़े है। देश जानना चाहता है-‘‘राजधर्म’’ बड़ा है या ‘‘राजहठ’’ किसान आंदोलन।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ लोकतंत्र में निरंकुशता का कोई स्थान नहीं। आप और आपके मंत्रियों की नीति हर विरोधी को माओवादी और देशद्रोही घोषित करने की है। भीषण ठंड और बरसात में जायज मांगों के लिए धरने पर बैठे अन्नदाताओं से माफी मांगिए और उनकी मांगे तत्काल पूरी करिए।’’
बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसान प्रदर्शनकारी आज 17वें दिन भी सिंघु बाॅर्डर पर डटे हुए हैं। वहीं कानूनों के खिलाफ टिकरी बाॅर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है, प्रदर्शन को देखते हुए बाॅर्डर पर सुरक्षा बल तैनात है। किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। पंजाब के किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा कि आंदोलन और मजबूत होगा, कल अमृतसर से ट्रैक्टर निकले। राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से ट्रैक्टर आ रहे हैं। पूरा भारत अब एक साथ है।