केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोमवार को कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने वैश्विक मंदी के असर को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं। शेखावत ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पूरी दुनिया आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रही है लेकिन हम सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले देशों की सूची में शीर्ष पर हैं।’’ बैंकों के विलय और विनिर्माण एवं ऑटोमोबाइल क्षेत्रों को राहत जैसे कदमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार ने आर्थिक राहत प्रदान करने के लिए कई कदम उठाए हैं और अनेक उपाय किए हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अगले पांच साल में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 100 लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है जिससे आने वाले समय में रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे। जम्मू कश्मीर से जुड़े एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि वहां के लोगों ने सरकार के कदम का समर्थन किया है और जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में स्कूलों, सरकारी और निजी कार्यालयों तथा अन्य संस्थानों में इस समय लगभग 90 प्रतिशत उपस्थिति है।
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उन्होंने कहा कि दुनियाभर के नेताओं ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद-370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाने और अनुच्छेद 35ए को निरस्त करने के भारत के फैसले का समर्थन किया है और पाकिस्तान अनेक वैश्विक मंचों पर अलग-थलग पड़ गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘पाकिस्तान ने केवल आतंक प्रायोजक देश की अपनी छवि को ही साबित किया है। भारतीय सेनाएं किसी भी हालात में पाकिस्तान को करारा जवाब देने में सक्षम और स्वतंत्र हैं और वे ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ और हवाई हमलों के जरिए पहले ऐसा कर चुकी हैं।’’
केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के मौके पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में शेखावत ने कहा कि सरकार ने समाज के सभी वर्गों को सामाजिक न्याय और उनका सशक्तिकरण सुनिश्चित किया है। सरकार ने इस दौरान तीन तलाक को समाप्त कर दिया। सरकार ने अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों और 35 ए को हटाने सहित कई अन्य फैसले किए हैं।
जल शक्ति मंत्री ने कहा कि सरकार के इन फैसलों का परिणाम आने वाले समय में आएगा। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर शेखावत ने कहा कि जिन लोगों ने जनता का पैसा लूटा है सरकार उन्हें नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा, ‘‘राजस्थान के मुख्यमंत्री सहित अन्य कांग्रेस नेता सीबीआई जैसी सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जिनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए और जिन्हें गिरफ्तार किया गया था, उन्हें उच्चतम न्यायालय से राहत क्यों नहीं मिली? लोगों को न्यायपालिका पर भरोसा है और अब देश को आने वाले समय में इस तरह की और कार्रवाइयों की अपेक्षा है।’’