बॉलीवुड एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडीज बीते कुछ वक़्त से अपने काम के अलावा बाकी सभी चीज़ो को लेकर सुर्खियों में बनी हुई हैं। एक्ट्रेस का नाम जबसे सुकेश चंद्रशेखर के साथ जुड़ा है उनका करियर डूबता नज़र आ रहा है। पहले जितनी तेज़ी से उन्हें एक के बाद एक फिल्म मिल रही थी अब वो रफ़्तार धीमी पड़ गई है। एक्ट्रेस कहीं बॉलीवुड इंडस्ट्री की भीड़ में गुम सी हो गई हैं। 200 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वो ऐसी फंसी कि अब कोई और रास्ता ही नज़र नहीं आ रहा। इस केस के चक्कर में उनका काम भी बुरी तरह से एफेक्ट हो रहा है।
इस बीच अब जैकलीन फर्नांडीज के लिए एक राहत की खबर सामने आ रही है। कोर्ट ने अब एक्ट्रेस की मुश्किलें आसान कर दी हैं। अब एक ऐसे काम के लिए उन्हें कोर्ट से परमिशन लेने की कोई ज़रूरत नहीं है जिसके लिए वो काफी समय से परेशान थी। वहीं, बार-बार कोर्ट से अनुमति मांगते-मांगते वो तंग आ चुकी थी। इसकी वजह से उनके काम पर भी असर पड़ रहा था। लेकिन अब उन्हें ऐसा करना की कोई ज़रूरत नहीं होगी।
दरअसल, 200 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैकलीन को अदालत की पूर्व अनुमति के बिना ही विदेश ट्रेवल करने की अनुमति मिल गई है। अब हाल ही में पटियाला हाउस कोर्ट ने एक्ट्रेस की जमानत की शर्तों में बदलाव करने का फैसला किया। कोर्ट का कहना है कि उन्हें देश छोड़ने से पहले परमिशन नहीं लेनी बल्कि बस 3 दिन पहले कोर्ट और ईडी को इस बात की खबर देनी होगी। दरअसल, जैकलीन ने पहले 5 मौकों पर विदेश यात्रा के लिए पूर्व अनुमति ली है। उन्होंने कभी भी बेल की लिबर्टी का मिसयूज नहीं किया है और कभी भी जमानत आदेश की किसी भी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है।
इसपर भी विचार किया गया कि इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में एक एक्टर होने के नाते उन्हें कई मौको पर अक्सर विदेश यात्रा करनी पड़ती है और कुछ हालातो में, नई अपॉर्चुनिटीज़ को हासिल करने के लिए शार्ट नोटिस पर अब्रॉड जाना पड़ता है। कोर्ट ने कहा ऐसी स्थिति में देश छोड़ने से पहले पूर्व अनुमति लेने की शर्त उनके लिए बोझिल हो जाती है और ये उनकी आजीविका खोने का कारण बन सकती है। जिसके बाद जैकलीन फर्नांडीज को बिना परमिशन लिए विदेश यात्रा की अनुमति दे दी गई है।
हालांकि, कोर्ट का कहना है कि जैकलीन को अपने ट्रेवल की डिटेल्स देना आवश्यक होगा। इस दौरान वो किस देश में जा रही हैं और उनको वहां कितने दिन लगेंगे इन बातों की डिटेल्स देनी होगी। साथ ही वहां का पता और फोन नंबर भी उन्हें देना होगा। ताकि अगर उनकी भारत में उपस्थिति की आवश्यकता होगी तो उनसे संपर्क किया जा सके और उन्हें बुलाया जा सके।