नई दिल्ली : मोदी सरकार की उदारवादी नीतियों और वैश्विक कारोबार सुगमता रैंकिंग में देश की स्थित में जोरदार सुधार से भारत को 2019 की तरह 2020 में भी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में तेजी बने रहने की उम्मीद है। उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव गुरूप्रसाद महापात्र ने कहा कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक नरमी के बावजूद देश में विदेशी निवेश पर असर नहीं पड़ा है।
भारत को 2019 की पहली छमाही में 27.2 अरब डॉलर का विदेशी निवेश मिला और इस तेजी के आगे भी जारी रहने की उम्मीद है। महापात्र ने कहा कि एफडीआई में अच्छी वृद्धि यह साबित कर रही है कि विदेशी निवेश के लिहाज से भारत को लेकर बहुत आशावाद और उत्साह भरा रुख है।
उन्होंने कहा कि सभी मंत्रालय, विभाग और राज्य सरकार विदेशी कंपनियों को यहां आने की सुविधा देने के लिए अड़चनों को दूर करने और स्थिर नीतियां देने के लिए काम कर रहे हैं। महापात्र ने कहा कि इस साल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है और मुझे भरोसा है कि नीतियों और पहलों से भारत की एफडीआई में तेजी का सफर जारी रहेगा और यह अच्छी वृद्धि दर के साथ आगे बढ़ेगा।
उन्होंने कहा, एफडीआई के लिए कारोबार करने को आसान बनाना बहुत जरूरी है। विदेशी कंपनियां विश्व बैंक की रैंकिंग पर नजर रखती हैं और वे भारत की रैंकिंग में अब तक के सुधार से खासी प्रभावित हैं। हमारा लक्ष्य शीर्ष 50 देशों की सूची में शामिल होना है।