हुडा सिटी सेंटर और सिंकदरपुर मेट्रो स्टेशनों के बीच ट्रेन सेवा तकनीकी गड़बड़ी के चलते एक घंटे तक प्रभावित रही। दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
डीएमआरसी ने सेवा बाधित होने के बारे में यात्रियों को ट्वीट कर जानकारी दी थी।
डीएमआरसी के कॉरपोरेट संचार के कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने एक बयान में कहा कि येलो लाइन पर सिकंदरपुर और हुडा सिटी सेंटर खंड (चार स्टेशन) पर सिग्नल में गड़बड़ी आने की वजह से खंड में दोपहर ढाई बजे से दोपहर साढे तीन बजे तक ट्रेन सेवा उपलब्ध नहीं थी।
उन्होंने कहा, “इस अवधि के दौरान शेष येलो लाइन सामान्य तौर पर संचालित हो रही थी और प्रभावित खंड पर भी दोपहर साढ़े तीन बजे से सेवाएं बहाल कर दी गई थीं।” येलो लाइन दिल्ली के समयपुर बादली को हरियाणा स्थित गुड़गांव के हुडा सिटी सेंटर से जोड़ती है।
एक अलग बयान में, डीएमआरसी ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण यात्रियों को हो रही असुविधा पर खेद व्यक्त किया है। बयान के मुताबिक, सात जून को मेट्रो सेवा बहाल होने के बाद से, डीएमआरसी लगभग खाली ट्रेनें चला रही है क्योंकि कोविड प्रतिबंधों के मद्देनजर वे ट्रेन में यात्री क्षमता की तुलना में केवल 10-15 प्रतिशत सवारियों को प्रवेश करने की अनुमति दे रहे हैं।
बयान में कहा गया है, “ लॉकडाउन के दिशा-निर्देशों में और ढील दी गई है जिससे अधिक आर्थिक गतिविधियां खुली हैं। नतीजतन ट्रेनों में सीमित प्रवेश की वजह से हमारे स्टेशनों के बाहर यात्रियों की भीड़ बढ़ी है जिससे उन्हें असुविधा हो रही है। ”
बयान में कहा गया है, “ डीएमआरसी इन पाबंदियों की वजह से यात्रियों को होने वाली परेशानी के लिए खेद जताती है। ऐसे परिदृश्य में यात्रियों के संयम और उनके सहयोग की सराहना करते हुए डीएमआरसी को उम्मीद है कि अधिकारियों द्वारा पाबंदियों में ढील देने के बाद स्थिति में सुधार होगा।’’
मौजूदा दिशा-निर्देशों के मुताबिक, यात्री मेट्रो ट्रेनों में एक सीट छोड़ कर बैठ सकते हैं और ट्रेनों में खड़े होकर सफर करने की इजाज़त नहीं है। लिहाज़ा डीएमआरसी अधिकतम संख्या में ट्रेने चला रही है और यात्रियों को पाबंदियों की वजह से स्टेशनों के बाहर इंतज़ार करना पड़ रहा है।
सूत्रों ने पहले बताया था कि प्रत्येक डिब्बे में 300 यात्री सफर कर सकते हैं जिनमें से 50 यात्री बैठ सकते हैं और बाकी 250 खड़े रह सकते हैं। कोविड नियमों के मद्देनजर एक डिब्बे में सिर्फ 25 लोग की यात्रा कर रहे हैं।