रोहतक : अतिरिक्त जिला एंव सत्र न्यायाधीश रीतू वाईके बहल की अदालत ने जाट आरक्षण हिंसा मामले पर सुनवाई करते हुए पांच आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है। पुलिस इन आरोपियों के खिलाफ अदालत में कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई। अर्बन एस्टेट पुलिस ने जाट आरक्षण हिंसा के दौरान पांचो आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओ के तहत केस दर्ज किया था और तभी मामला अदालत में विचाराधीन था।
इससे पहले भी अदालत जाट आरक्षण हिंसा के मामले को लेकर 19 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर चुकी है। वीरवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीतू वाईके बहल की अदालत में सुनवाई हुई। मामले में पांचों आरोपी राहुल दादू कबूलपुर, नरेंद्र सिंह बहुअ, दिलावर टिटौली, जगपाल निजामपुर व जोगेंद्र उर्फ जोगा बालंद अदालत में पेश हुए।
अदालत ने दोनो पक्षों की दलील सुनी। पुलिस ने जो आरोप पांचों पर लगाए थे, जिसको लेकर काफी बहश हुई, लेकिन पुलिस कोई भी ठोस सबूत उनके खिलाफ पेश नहीं कर पाई। इसके बाद अदालत ने पांचो आरोपियों को बरी कर दिया।