प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा प्रधानमंत्री पद ग्रहण करने से पहले नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी गए। जहां उनकी आगवानी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल राम नाईक ने की थी। काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे के बाद पीएम मोदी और अमित शाह ने विधिवत रूप से पूजा अर्चना की।
काशी विश्वनाथ मंदिर के बाद पीएम मोदी लालपुर स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल पहुंच है, जहां उनके सम्मान में अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया है। सीएम योगी के संबोधन से समारोह की शुरुआत की हुई।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, मैंने वाराणसी के कार्यकर्ताओं से बात की थी। आप सभी ने मुझे आदेश दिया था कि मैं वाराणसी में एक महीने तक पैर नहीं रख सकता। राष्ट्र मुझे पीएम के रूप में चुन सकता है लेकिन आपके लिए मैं एक कार्यकर्ता हूं।मेरे लिए, आपका आदेश प्राथमिकता थी।
शायद ही कोई उम्मीदवार चुनाव के समय इतना निश्चिंत होता होगा, जितना मैं था। इस निश्चिंतता का कारण आपका परिश्रम और काशीवासियों का विश्वास था। नतीजे और मतदान दोनों समय मैं निश्चिंत था और बड़े मौज के साथ केदारनाथ में बाबा के चरणों में बैठ गया था।
पार्टी उम्मीदवारों का अभिनन्दन करते हुए पीएम मोदी ने कहा, इस चुनाव में अलग-अलग दलों के साथी और निर्दलीय साथी जो मैदान में थे, उनका भी मैं आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने पूरी गरिमा के साथ काशी के चुनाव अभियान को आगे बढ़ाया। मैं सभी अन्य उम्मीदवारों का मन से अभिनंदन करता हूं।
उन्होंने कहा की पारदर्शिता और परिश्रम दो ऐसी चीजें हैं, हर परसेप्शन को परास्त करने का साहस रखते हैं। आज हिंदुस्तान ने ये कर के दिखाया है। पारदर्शिता और परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है।
पीएम मोदी ने कहा कि पार्टी की जीत के इस सिलसिले को देखते हुए अब सियासी पंडितों को मानना पड़ेगा कि अंकगणित के आगे भी आदर्शों और संकल्पों की एक ‘केमेस्ट्री’ होती है। मोदी ने बीजेपी को देश में राजनीतिक हिंसा की सबसे बड़ी शिकार पार्टी करार देते हुए कहा कि इस हिंसा को एक प्रकार से मान्यता दी गयी है। यह हमारे सामने बहुत बड़ा संकट है।
उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश पूरे देश में लोकतंत्र की नींव को और मजबूत कर रहा है लेकिन वर्ष 2014, 2017 और 2019 की चुनावी विजय की हैट्रिक कोई मामूली चीज नहीं है। तीन चुनाव के बाद भी अगर राजनीतिक पंडितों के दिमाग नहीं खुलते तो समझना चाहिये कि उनके विचार, उनके तर्क 21वीं सदी के लिये नहीं रह गये हैं।
मोदी ने कहा ‘‘इस हैट्रिक के बाद राजनीतिक पंडितों को मानना होगा कि अंकगणित के आगे भी एक ‘केमेस्ट्री’ होती है। देश में आदर्शों और संकल्पों की जो केमेस्ट्री है, वह पूरे अंकगणित को पराजित कर देती है। इस बार यही हुआ है।’’ प्रधानमंत्री ने बीजेपी को राजनीतिक हिंसा की सबसे बड़ी शिकार पार्टी बताते हुए कहा ‘‘चाहे केरल हो, कश्मीर हो, बंगाल या फिर त्रिपुरा हो, वहां हमारे कई कार्यकर्ताओं ने शहादत मोल ली है।
उन्हें सिर्फ राजनीतिक विचारधारा के कारण मौत के घाट उतार दिया गया। बंगाल में आज भी हत्याओं का दौर नहीं रुक रहा। केरल में भी हमें मौत के घाट उतार दिया जाता है। शायद ही कोई दल इतनी व्यापक हिंसा का शिकार हुआ है। हिंसा को एक प्रकार से मान्यता दी गयी है। यह हमारे सामने बहुत बड़ा संकट है।’’
उन्होंने कहा ‘‘दुर्भाग्य से हमारे देश में राजनीतिक छुआछूत दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। भाजपा का नाम लेते ही यह कहा जाता है कि इन्हें छुओ नहीं, ये खतरनाक हैं। दरअसल, हम विभाजन के पैरोकार नहीं है। हम एकता के मार्ग पर चलते हैं। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब मैंने उसके प्रचार-प्रसार के लिये फिल्म जगत की मदद ली, तो शोर मच गया कि अरे आप और गुजरात ! दरअसल कमियां हममे में भी होंगी, लेकिन इरादे हमारे नेक हैं।’’
मोदी ने कहा कि देश की राजनीति में ईमानदारी से लोकतंत्र को रग-रग में लेकर जीने वाला अगर कोई दल है तो वह बीजेपी ही है। ‘‘जब दूसरे लोग सत्ता में आते हैं तो विपक्ष का नाम नहीं होता, मगर हम जब सत्ता में आते हैं तो विपक्ष का अस्तित्व शुरू होता है। त्रिपुरा को देख लीजिये, वहां 30 साल तक कम्युनिस्टों की सरकार थी, क्या वहां कोई विपक्ष था? कभी कोई चर्चा नहीं हुई।
आज हम त्रिपुरा में सत्ता में हैं, आज वहां जानदार शानदार विपक्ष है, उसकी आवाज सुनी जाती है। संविधान हमें जिम्मेदारी देता है कि विपक्ष की आवाज को महत्व दें।’’ मोदी ने कहा कि हमारे देश के लोकतंत्र को वोट बैंक की राजनीति ने कुचल दिया है। वोट बैंक की राजनीतिक के दबाव में कोई सही बात रखने की हिम्मत नहीं करता था। मगर बीजेपी ने इस चलन को बदला है।
काशी के लिए तय हुआ था कि बीजेपी के प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी होंगे : अमित शाह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्थन देने के लिए वाराणसी की जनता को धन्यवाद देते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि संभवत: यह एकमात्र ऐसा चुनाव था, जब नामांकन दाखिल करने के बाद प्रत्याशी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा नहीं किया।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने संबोधन में कहा, काशी के लिए तय हुआ था कि बीजेपी के प्रत्याशी नरेन्द्र मोदी जी होंगे। मोदी जी के नामांकन के पहले काशी दर्शन, रोड शो और गंगा आरती का कार्यक्रम था। रोड शो में जो प्रचंड जनसमर्थन दिखा तो, तभी तय हो गया था कि चुनाव परिणाम क्या आने वाला है।
उन्होंने कहा, देश के इतिहास में शायद ही कोई चुनाव ऐसा हुआ होगा, जिसमें कोई प्रत्याशी अपने नामांकन के बाद वहां की जनता पर भरोसा करके वापस आ गया होगा। आपने मोदी जी का ये भरोसा कायम रखा। उन्होंने कहा की आप सभी बहुत भाग्यशाली हैं कि मोदी जी जैसे जनप्रतिनिधि काशी के कार्यकर्ताओं को मिला है।
मोदी जी मणिनगर विधानसभा क्षेत्र से पहली बार विधायक बने थे और फिर मुख्यमंत्री बने। जब उन्होंने ये पद छोड़ा तब मणिनगर देश का सबसे विकसित विधानसभा क्षेत्र था।
वाराणसी पहुंचते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए निकल गए है। मंदिर जाते समय रास्ते में उन्होंने लोगों को हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन किया। पीएम मोदी का काफिला वाराणसी की सड़कों से होते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर तक ‘मोदी मोदी’ के जयकारों के बीच भीड़ का सैलाब आया है।
इस दौरान पुलिस लाइन से काशी विश्वनाथ मंदिर तक की सड़क यात्रा के दौरान उनके जोरदार स्वागत की तैयारियां की गई हैं। दूसरी बार भारी मतों से वाराणसी से जीत का कीर्तिमान स्थापित करने के बाद यहां की जनता का आभार व्यक्त करने आ रहे मोदी का फूलों की बारिश कर जगह- जगह स्वागत की तैयारी की गई हैं।