देश के कुछ राजघरानों और लोगों द्वारा अभी तक राम के वंशज होने का दावा किया जा रहा था। लेकिन अब जयपुर के संग्रहालय में अयोध्या का प्राचीन नक्शा मिलने की खबर सामने आई है। इन नक़्शों में पूरी राम नगरी अयोध्या की कहानी छिपी हुई है। नक़्शे में राम नगरी में बने महल और तमाम जानकारियों के दावे किए जा रहे हैं।
राजस्थान के मेवाड़ राजघराने के महेंद्र सिंह मेवाड़ ने दावा किया कि वह मेवाड़ राजघराना राम पुत्र लव का वंशज है। मेवाड़ के पूर्व राजकुमार लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने दावा करते हुए कहा था कि, कर्नल जेम्स टॉड द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘एनल्स एंड एक्विटीज ऑफ राजस्थान’ में इस बात का जिक्र है कि श्रीराम की राजधानी अयोध्या थी और उनके बेटे लव ने लव कोट यानी लाहौर बसाया था। जबकि लव के वंशज बाद में गुजरात का रास्ते आहार यानी मेवाड़ में आकर बस गए जहां सिसोदिया राज्य की स्थापना की गई थी।
पूर्व राजकुमार लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने अपने दावे में कहा कि मेवाड़ का राज प्रतीक सूर्य है। श्रीराम शिव के उपासक थे और मेवाड़ परिवार भी भगवान शिव का उपासक है। मेवाड़ राजघराना आज खुद को श्रीराम के वंशज होने के दावे को प्रमाणित करता है।
पहले राजस्थान के राजसमंद से बीजेपी सांसद दीया कुमारी ने दावा किया था कि वह श्री राम के पुत्र कुश के वंशज हैं। उनका कहना है कि वह कुश के 307 वें वंशज। इसके सबूत में उन्होंने एक पत्रावली दिखाई जिसमे अयोध्या के राजा श्री राम के वंश के सभी पूर्वजों का क्रमवार नाम लिखा हुआ है।
तो वहीँ दूसरी ओर करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र कालवी ने खुद को श्री राम के दूसरे पुत्र लव का वंशज बताया था। हालांकि लोकेंद्र कालवी ने कहा कि बहस इस बात की नहीं है कि कौन राम का वंशज और कौन नहीं है बल्कि बहस अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की है।