विजयवाड़ा : उपराष्ट्रपति ने एम वेंकैया नायडू ने आज यहां सात राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को देश को समर्पित कर दिया तथा 4153 करोड़ रुपये की लागत वाली 6 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की आधारशिला रखी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि 2014 तक आंध, प्रदेश में राज्यमार्गों की कुल लम्बाई 4193 किलोमीटर थी। 2014 के बाद 3720 किलोमीटर के नये राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किये गए। अब आंध, प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग की लम्बाई 7913 किलोमीटर हो गयी है।
आंध, प्रदेश में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के लिए एक लाख करोड़ रुपये निवेश करने की योजना है। उन्होंने ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग 340 पर रायाचोटी से अंगल्सु खंड की पेव शोल्डर की दो लेन का निर्माण किया जाएगा जिसकी लम्बाई 57.98 किलो मीटर होगी और इस पर 319.28 करोड़ रुपये की लागत आएगी। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग-43 पर विजयानगरम तक चार लेन बाइपास का निर्माण का काम शुरू किया जाएगा। इसकी लम्बाई 17.2 किलो मीटर होगी और इस पर 429.43 करोड़ रुपये खर्च होंगे। राष्ट्रीय राजमार्ग- 216 पर इपूरुपलेम-ओंगोल खंड के 57.87 किलो मीटर लम्बाई वाली पेव शोल्डर की दो लेन की परियोजना विचाराधीन है जिस पर 574.19 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कृष्णा और गोदावरी नदियों को जोडऩे वाली पत्तीसीमा लिफ्ट सिचांई योजना से कृष्णा डेल्टा क्षेत्र को सुखे जैसे स्थिति बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जितनी अधिक नदियों को आपस में जोड़ा जाएगा उतना ही लाभ देश के अन्न दाता किसानों को होगा। प्रत्येक व्यक्ति को इस नेक काम में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए। उन्होंने स्कूलों में तेलुगु भाषा को अनिवार्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री को बधाई दी। उन्होंने आंध, प्रदेश में नौकरियों में तेलुगु के ज्ञान को अनिवार्य बनाने की सलाह दी और कहा कि राज्य के सभी विद्यालयों में तेलुगु को सभी विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य बनाया जाना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह दूसरी भाषाओं को सीखने के विरोधी नहीं हैं। वह सिर्फ यह चाहते हैं कि लोग दूसरी भाषाओं को सीखने से पहले अपनी मातृभाषा में दक्ष हो जाएं।इस अवसर पर आंध, प्रदेश के राज्यपाल श्री ई एस एल नरसिम्हन, आंध, प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री एन चंद्रबाबू नायडू, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाज रानी तथा जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री श्री नीतिन गडकरी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री श्री वाई एस चौधरी तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।