मलाप्पुरम (केरल): केरल में मलाप्पुरम के पुलिक्कल की एक मस्जिद में श्रवण बाधितों लोगों को धार्मिक प्रक्रिया में शामिल करने के लिए शुक्रवार की नमाज ‘कुतबा’ तथा दौनिक ”अजान” के दौरान सांकेतिक भाषा का प्रयोग किया जा रहा है। कुछ दिन पहले ही शुरू हुई ‘अल रहमा’ मस्जिद में ‘कुतबा’ और ‘अजान’ के दौरान सांकेतिक भाषा व्याख्याकार की सहायता ली जा रही है।
स्वंय सेवा संस्था एबिलिटी फाउंडेशन के सचिव मुस्तफा मदनी ने कहा, ”देश में और शायद विश्व में यह पहली बार है कि श्रवण बाधित लोगों के लिए मस्जिद अस्तित्व में आई हो।” श्रवण बाधित लोगों के लिए मस्जिद में यह सुविधा शुरू करने का विचार इसी एनजीओ का है।
उन्होंने बताया कि प्रार्थना के दौरान सभी उपदेशकों के साथ व्याख्याकार होंगे, जो कि स्टाफ के ही सदस्य होगें। उन्होंने कहा, ”मस्जिदों की दीवारों पर बड़ी एलसीडी स्क्रीन लगाईं गईं हैं ताकि नमाज में शामिल होने वाले सभी लोग, यहां तक कि महिलाएं भी अंतिम कतार में खड़े श्रद्वालु स्क्रीन देख कर नमाज पढ़ पाएं।” इस मस्जिद का निर्माण प्रवासी केरलवासियों तथा स्थानीय जनता की सहायता से 75 लाख रूपए की लागत से एनजीओ के साढ़े पंाच एकड़ में किया गया है।
मदनी ने कहा, ”यह मूक बधिर छात्रों के लिए बड़ा वरदान है जिन्हें जीवन में कभी सुनाई नहीं दिया है। हम उन्हें उनके जीवन की सबसे बड़ी खुशी देने में कामयाब देने में कामयाम रहें हैं।” इस मस्जिद में निशक्तजनों के लिए सौ प्रतिशत मित्रवत रैंप, हैंड रेल और शौचालय हैं हालांकि यह सब के लिए खुले हैं।
भाषा