बेंगलुरु में पिछले महीने हुई हिंसा की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस विधानमंडल के आगामी मानसून सत्र में यह मुद्दा उठाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, डी जे हल्ली और उसके आसपास के क्षेत्रों में बुधवार को गये जहां 11 अगस्त की रात को दंगाइयों ने आगजनी की थी। इस दंगे के दौरान कांग्रेस नेता COVID-19 के उपचार से गुजर रहे थे।
सिद्धारमैया ने कहा, मैं सरकार से अपील करता हूं कि यथाशीघ्र जांच हो और यह निष्पक्ष ढंग से होनी चाहिए एवं दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी हो और वह कितना भी बड़ा आदमी क्यों न हो, यदि दोषी है तो उसे दंडित किया जाना चाहिए लेकिन निर्दोष लोगों को सजा नहीं मिलनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह इस घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन की मांग कर चुके हैं ताकि सच्चाई सामने आये।
एक प्रश्न के उत्तर में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, हम विधानसभा में यह मुद्दा (बेंगलुरु हिंसा का मुद्दा) उठायेंगे। विधानमंडल का मानसून सत्र 21 सितंबर से 30 सितंबर तक चलेगा। कांग्रेस विधायक आर अखंड श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे पी नवीन द्वारा सोशल मीडिया पर कथित रूप से किये गये भड़काऊ पोस्ट को लेकर सैंकड़ों लोगों ने हिंसा की थी।
डीजे हल्ली में दंगाइयों ने विधायक के निवास और थाने में आग लगा दी थी। उन्होंने विधायक और उनकी बहन का सामान लूटने के साथ ही निजी वाहनों को भी फूंक दिया था। जब सिद्धारमैया से इस घटना में कांग्रेस पार्षदों की कथित संलिप्तता के बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा कि जब तक यह साबित नहीं हो जाता या सबूत सामने नहीं आते तब तक किसी पर कैसे आरोप लगाया जा सकता है।