Odisha Floods : नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से नीचे, लेकिन अब भी 6.4 लाख लोग प्रभावित - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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Odisha floods : नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से नीचे, लेकिन अब भी 6.4 लाख लोग प्रभावित

ओडिशा में हाल के दिनों में बाढ़ का कारण बनी अधिकतर नदियों का जल स्तर आज खतरे के निशान से नीचे दर्ज किया गया, लेकिन राज्य के 902 गांवों के 6.4 लाख लोग अब भी बाढ़ के पानी के कारण फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

ओडिशा में भारी बारिश ने आम लोगों की जिंदगी में मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। राज्य में हाल के दिनों में बाढ़ का कारण बनी अधिकतर नदियों का जल स्तर आज खतरे के निशान से नीचे दर्ज किया गया, लेकिन राज्य के 902 गांवों के 6.4 लाख लोग अब भी बाढ़ के पानी के कारण फंसे हुए हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
 नदियां खतरे के निशान से नीचे
जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता बी के मिश्रा ने कहा कि उत्तरी ओडिशा में सुवर्णरेखा और पूर्व में महानदी समेत अधिकतर नदियां खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बाढ़ की उच्चतम स्थिति अब नहीं है, लेकिन कई गांव जलमग्न हैं।’’
हालांकि, भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार और बुधवार को बालासोर, भद्रक, जाजपुर, केंद्रपाड़ा, कटक, जगतसिंहपुर, क्योंझर और मयूरभंज जिलों में एक या दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इन जिलों के कई गांवों में बाढ़ का पानी अब भी कहर बरपा रहा है। प्रशासन ताजा बारिश का सामना करने के लिए कदम उठा रहा है।’’
पानी पूरी तरह से घटने के बाद स्थायी मरम्मत  होगी शुरू 
अधिकारी ने बताया कि भले ही सुवर्णरेखा के तटबंध में कोई दरार नहीं आई है, लेकिन महानदी और उसकी सहायक नदियों के तटबंध सात स्थानों पर टूट गए हैं।उन्होंने कहा कि विभाग अब तत्काल तटबंधों की अस्थायी मरम्मत करेगा और बाढ़ का पानी पूरी तरह से घटने के बाद स्थायी मरम्मत शुरू करेगा। मिश्रा ने कहा कि महानदी में बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘हीराकुंड बांध में सुबह नौ बजे जल स्तर 623.35 फुट था। 1.59 लाख क्यूसेक पानी जलाशय में प्रवेश कर रहा था, वहीं चार फाटकों के माध्यम से 1.04 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था।’’
हालांकि, बालासोर प्रखंड में बाढ़ का कारण बनने वाली जलाका नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। मथानी में यह 6.45 मीटर पर बह रही थी, जबकि खतरे का स्तर 5.5 मीटर है।

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