मुंबई की एक अदालत ने अभिनेत्री पायल रोहतगी के खिलाफ उस शिकायत की जांच करने का पुलिस को आदेश दिया है जिसमें आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने ट्वीट के माध्यम से एक विशेष समुदाय के प्रति घृणा फैलायी। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट, अंधेरी, भागवत जिरपे ने 30 मार्च को अभिनेत्री के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता(सीआरपीसी) की धारा 202 के तहत जांच का आदेश दिया और उसकी प्रति सोमवार को उपलब्ध हुई।
सीआरपीसी की धारा 202 के तहत जांच का आदेश यह पता लगाने के लिए दिया जाता है कि क्या प्रथम दृष्टया कोई मामला बनता है और क्या आरोपी के खिलाफ कार्यवाही के लिए पर्याप्त आधार है। मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा, ‘‘प्रत्येक समुदाय को अपना धर्म का पालन का अधिकार है। किसी को भी किसी भी अन्य समुदाय के रिवाजों का मजाक बनाने का कोई अधिकार नहीं है।’’
शिकायतकर्ता, वकील अली कासिफ खान देशमुख ने पिछले साल दिसंबर में तब मजिस्ट्रेट का रुख किया था जब अंबोली पुलिस थाना रोहतगी के खिलाफ जून, 2020 में उनके कथित सांप्रदायिक ट्वीट को लेकर कार्रवाई करने में विफल रहा था। वकील ने अपनी शिकायत में कहा था कि अभिनेत्री के ट्वीट एक विशेष समुदाय के लोगों के लिए ‘अत्यधिक अपमानजनक’ थे और उनकी पोस्ट ने उसकी महिलाओं को बदनाम किया।
अदालत ने पाया कि प्रथम दृष्टया, ट्वीट समुदाय और उसकी महिलाओं का अनादर करते हैं और आरोपी के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए ट्वीट की एक तकनीकी जांच आवश्यक है। अदालत ने पुलिस से 30 अप्रैल को जांच रिपोर्ट देने को कहा है।