सुप्रीम कोर्ट सबरीमाला में अयप्पा मंदिर में 10 से 50 उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर समीक्षा याचिकाओं की आज सुनवाई करेगा। सुनवाई सुबह साढ़ दस बजे शुरू होगी। मामले की सुनवाई करने वाली इस संवैधानिक पीठ में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और इंदु मल्होत्रा शामिल हैं।
सबरीमाला में भगवान अयप्पा के मंदिर में एक उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के 28 सितंबर के आदेश से संबंधित विभिन्न मामलों पर समीक्षा के लिए लगभग 65 याचिकाएं दायर की गई हैँ। पिछले वर्ष 28 सितंबर को मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की जिस पीठ ने की थी उसमें तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा शामिल थीं।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 22 जनवरी की तिथि तय की थी लेकिन न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा के चिकित्सा अवकाश पर रहने की वजह से सुनवाई की तिथि आगे बढ़कर छह फरवरी कर दी गई थी। मंदिर में प्रवेश करने में सफल होने वालीं 10 से 50 वर्ष आयु वर्ग में शामिल सुश्री बिंदु और सुश्री कनक दुर्गा ने समीक्षा याचिकाओं की सुनवाई के खिलाफ एक याचिका दायर की है।
उनका कहना है कि 28 सितंबर के सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने मासिक धर्म से गुजरने वाली महिलाओं के गौरव और स्वतंत्रता को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ और मंदिर में हाल में हुए वार्षिक तीर्थयात्रा के दौरान दो महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने के विरोध में केरल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ है।