लुधियाना-अमृतसर : हाल ही में चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा सिख बीबीयों को दुपहिया वाहन चलाते समय हैलमेट पहनने संबंधी जारी किए गए आदेशों के विरूद्ध रोष प्रकट करते हुए इस आदेश को सिख रहित मर्यादा का अपमान करार देते महिला अकाली दल की प्रधान बीबी जगीर कौर ने आज अमृतसर में विशेष बैठक के उपरांत श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को मांग पत्र दिया और आने वाले दिनों में इस फैसले को पुन: विचार करने के लिए जल्द ही राज्यपाल पंजाब श्री वीपी सिंह बदनौर को मिलने की भी घोषणा की गई। एक रणनीति के तहत आज विशेष बैठक में सामूहिक रूप से फैसला किया गया कि सिख महिलाएं किसी भी हालात में हैलमेट नहीं पहनेंगी।
इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए बीबी जगीर कौर ने कहा कि सिखों को टोपी पहनने की सख्त मनाई है। सिख रहित नामिया में टोपी डालने वाले सिख को तनखाइयां (सजायाफता) करार दिया गया है। रहितनामा भाई प्रहलाद सिंह का जिक्र करते हुए बीबी जगीर कौर ने स्पष्ट किया कि गुरू हुकम के मुताबिक कोई भी सिख टोपी या टोप नहीं पहन सकता।
उन्होंने चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा सिख महिलाओं को हैलमेट पहनना गलत करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को औरतों को सुरक्षित रखने के लिए कानून पास करने चाहिए, ताकि मुश्किल समय में औरतों पर हो रहे अत्याचारों को रोका जा सकें। बीबी जगीर कौर ने अंग्रेजों के वक्त सिखों को युद्ध के समय टोप पहनने के लिए जोर डालने का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय भी सिखों ने टोपो को नहीं पहना। उन्होंने कहा कि सिखों की शान दस्तार को ही विशेष प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि सिख बीबीयों केा सरकार इस फैसले में राहत दे और सरकार द्वारा बनाए इस कानून को तुरंत वापिस लिया जाएं। बीबी जगीर कौर ने इस संबंध में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह से भी मुलाकात करके मांगपत्र सौंपा। शिरोमणि कमेटी कार्यालय में हुई बैठक के दौरान पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और मुंबई से बड़ी संख्या में सिख बीबीयां शामिल हुई।
– सुनीलराय कामरेड