राजस्थान में अजमेर जिले के तीर्थराज पुष्कर में पुरोहितों ने गुरूवार को जिला कलेक्टर द्वारा शिष्ट मंडल को मिलने का समय नहीं देने के विरोध में प्रदर्शन किया। सूत्रों के अनुसार पुष्कर सरोवर के अस्तित्व को बचाने की मांग को लेकर पुरोहितों का एक शिष्टमंडल अजमेर में जिला कलेक्टर को ज्ञापन देना चाहता था। जिला कलेक्ट्रेट के बाहर पुलिस ने शिष्टमंडल को रोक लिया और कहा कि आचारसंहिता चल रही है केवल पांच लोग अंदर जा सकते है।
इस पर शिष्टमंडल के पांच सदस्य कलेक्टर से मिलने पहुंचे लेकिन वहां कलेक्टर कक्ष के बाहर खड़ गार्डो ने उन्हें धक्का देकर बाहर निकाल दिया। पुरोहितों का आरोप है कि ये सब कलेक्टर के आदेश पर हुआ जिसकी सभी ने जमकर निंदा की और कलेक्टर के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त करते हुए वापस पुष्कर लौट गए। इसके बाद पुरोहितों ने पुष्कर पहुंचकर विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर के बाहर धरना दिया तथा जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
घटना की सूचना पर पुष्कर तहसीलदार मौके पर पहुंचे लेकिन पुरोहित समूह इस बात पर अड़ गया कि जिला कलेक्टर मौके पर आकर माफी मांगे अन्यथा पुष्कर बंद कराया जाएगा और आंदोलन को उग, किया जाएगा। पुलिस एवं तहसीलदार की समझाइश का भी उन पर कोई असर नहीं हुआ। गौरतलब है कि जिला कलेक्टर जो कि जिला निर्वाचन अधिकारी भी है द्वारा मतदान प्रतिशत बढ़ए जाने के क्रम में चलाए जा रहे स्वीप कार्यक्रम के तहत तीन दिन पहले पुष्कर में निकाली गई प्रभातफेरी में स्कूली बच्चों द्वारा मोदी को वोट दिए जाने की वकालत संबंधी नारों के बाद उपजे विवाद से आहत है।