हवाई चप्पल पहनने वाला आम आदमी भी अब विमान की यात्रा कर सकेगा, विधेयक 2021 को मिली संसद की मंजूरी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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हवाई चप्पल पहनने वाला आम आदमी भी अब विमान की यात्रा कर सकेगा, विधेयक 2021 को मिली संसद की मंजूरी

भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 को बुधवार को संसद की मंजूरी मिल गई। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच राज्यसभा ने ध्वनिमत से इस विधेयक को पारित कर दिया।

संसद के दोनों सदन राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष का जोरदार हंगामा जारी है, इसी बीच केंद्र सरकार अपने बहुमत के बल पर कई विधेयकों को पास करा रही है। भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2021 को बुधवार को संसद की मंजूरी मिल गई। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच राज्यसभा ने ध्वनिमत से इस विधेयक को पारित कर दिया।
लोकसभा पहले ही इस विधेयक को पारित कर चुकी है। विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर जारी विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यह विधेयक सदन में चर्चा के लिए पेश किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में हवाई यात्रा का लोकतंत्रीकरण हुआ है जो पहले कभी नहीं हुआ था और यह सरकार देश की गरीब जनता को सुलभ हवाई यात्रा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। 
उन्होंने कहा कि यह एक महत्वाकांक्षी विधेयक है और सरकार का प्रयास है कि हवाई चप्पल पहनने वाला आम आदमी भी हवाई यात्रा कर सके। हंगामे के बीच ही विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा हुई जिसमें टीआरएस सदस्य के आर सुरेश रेड्डी, अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरई, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वी विजयसाई रेड्डी, माकपा के बिकास रंजन भट्टाचार्य, टीएमसी (एम) सदस्य जी के वासन, राजद के मनोज झा, आम आदमी पार्टी के सुशील कुमार गुप्ता ने विधेयक पर अपनी बात रखी। सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री रामदास आठवले ने चर्चा में हस्तक्षेप किया।
चर्चा का जवाब देते हुए नागर विमानन मंत्री सिंधिया ने कहा कि यह सरकार भविष्य में देश की शहरी आबादी के साथ ग्रामीण जनता को भी सुलभ हवाई यात्रा प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बीते 70 साल में देश में 75 हवाईअड्डे बनाए गए थे लेकिन पिछले छह साल में नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान देश में हवाई अड्डों की संख्या बढ़ कर 136 हो गई।
उन्होंने कहा ’’देश में यदि हवाई यात्रा का लोकतंत्रीकरण हुआ है तो वह नरेंद्र मोदी की सरकार में ही हुआ है। यह आत्मनिर्भर भारत की सोच से जुड़ा है।’’ हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों पर तंज कसते हुए सिंधिया ने कहा कि इस माहौल में भी सरकार विकास के लिए प्रतिबद्ध है। सिंधिया ने कहा कि ऐसे अनेक छोटे शहर हैं जो हवाई मार्ग से जुड़ गये हैं। मंत्री के जवाब के बाद विधेयक को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई।
विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि विमानपत्तनों, विमानन कंपनियों तथा यात्रियों के हितों को संरक्षित करने के लिये एक स्वतंत्र विनियामक होने के नाते भारतीय विमानपत्तन विनियामक प्राधिकरण अपनी स्थापना से ही देश के महाविमानपत्तनों पर वैमानिकी प्रभारों के शुल्क का निर्धारण करता है।
इसमें कहा गया है कि वर्तमान अधिनियम के अधीन महाविमानपत्तनों को किसी ऐसे विमानपत्तन के रूप में परिभाषित किया गया है जिसमें वार्षिक रूप से 35 लाख से अधिक यात्री आते हैं या कोई अन्य विमानपत्तन के रूप में जिसे केंद्र सरकार की अधिसूचना के जरिये विनिर्दिष्ट किया गया है।
इसमें कहा गया है कि सार्वजनिक निजी साझेदारी से अधिक विमानपत्तनों का विकास सापेक्ष रूप से सुदूर और दूरस्थ क्षेत्रों में वायु सम्पर्क के विस्तार में होगा। विधेयक के पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही हंगामे के कारण दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी।

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