अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर लगातार सियासी बयानबाजियों का दौर जारी है। इस बीच अयोध्या में संतों की आज उच्चाधिकार समिति की भी एक अहम बैठक है। यह बैठक दिल्ली में होने वाली है, जिसमे तकरीबन 45 संत हिस्सा लेंगे और इस बात पर फैसला लेंगे कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण की मुहिम के लिए आगे का क्या रास्ता होना चाहिए। इस बैठक में विश्व हिंदू परिषद भी हिस्सा लेगी, उसका कहना है कि बैठक में इस बात का फैसला लिया जाएगा कि राम मंदिर मुद्दे पर भविष्य की रणनीति क्या होनी चाहिए।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद से जुड़ी विवादित जमीन के मालिकाना हक को लेकर चल रहे मुकदमे की सुप्रीम कोर्ट में 29 अक्टूबर से नियमित सुनवाई शुरू होगी।
अयोध्या से श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की अगुवाई में कई संत दिल्ली आए हैं। वहीं, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए तपस्वी छावनी मंदिर के महंत राम परमहंस दास सोमवार से आमरण अनशन कर रहे हैं। शुक्रवार को दिल्ली में होने वाली संत उच्चाधिकार समिति की बैठक में केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के वरिष्ठ सदस्य महंत कमलनयन दास, न्यास सदस्य पूर्व सांसद रामविलासदास वेदांती, महंत सुरेश दास, संत समिति अध्यक्ष महंत कन्हैया दास शामिल हैं।
श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि मोदी के सत्ता में आने से हिंदू समाज को राममंदिर निर्माण की उम्मीद जागी धी, लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई हल नहीं निकल सका है। उन्होंने बताया कि देश के प्रमुख साधु-संत बैठक कर अब अपनी भावनाओं से अवगत ही नहीं कराएंगे बल्कि राम मंदिर निर्माण के लिए आगे ठोस कदम उठाएंगे?उन्होंने कहा कि केंद्र में मोदी और राज्य में योगी सरकार के रहते हुए अब इंतेजार नहीं करना संतों को अखर रहा है। ऐसे में मोदी सरकार को राम मंदिर निर्माण का समाधान का हल जल्द से जल्द निकालना चाहिए।
राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने दिल्ली में साधु संतों की बैठक कर रहा है। वीएचपी में पिछले काफी समय से इस बात पर जोर देता रहा है कि अयोध्या में राम का भव्य मंदिर बनना चाहिए और जल्दी बनना चाहिए। वीएचपी और संतों की तरफ से बार बार इस बात को लेकर बयान भी आते रहे हैं।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी पिछले दिनों कई बार राम मंदिर को लेकर बयान दिया था, जिसके बाद बाद से यह मुद्दा और गरमा गया है। बीजेपी सांसद साक्षी महाराज भी कह चुके हैं कि 2019 से पहले भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। उन्होंने कोर्ट से भी अपील की था कि जल्दी से जल्दी इस मामले का निपटारा किया जाए। वीएचपी और संत की बैठक में राम मंदिर निर्माण को लेकर आगे की रणनीति तय करेंगे कि इस मुद्दे को लेकर आगे कैसे बढ़ा जाए।