सीबीआई ने सोमवार को यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर की पत्नी और तीन पुत्रियों के खिलाफ रिश्वत लेने के आरोपों के तहत मामला दर्ज कर दिया। साथ ही उनके परिवार को कथित तौर पर रिश्वत देने के मामले में मुंबई में सात स्थानों पर छापेमारी भी की। एजेंसी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
सीबीआई ने उनके परिवार के सदस्यों समेत सात आरोपियों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) भी जारी किया है ताकि वे देश छोड़कर नहीं जा सकें। यह मामला घोटालों में घिरी डीएचएफएल द्वारा कपूर परिवार को कथित तौर पर 600 करोड़ रुपये की रिश्वत देने से जुड़ा है।
सीबीआई ने अपनी प्राथिमिकी में पांच कंपनियों, 62 वर्षीय कपूर, उनकी पत्नी बिंदु, और तीन बेटियों रोशनी, राखी और राधा सहित सात व्यक्तियों को नामजद किया है। इसके साथ ही एजेंसी ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है।
इस बीच प्रवर्तन निदेशालय यस बैंक के कर्ज खातों को खंगाल रहा है। वह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि बैंक ने औद्योगिक घरानों को करोड़ों रुपये के ऐसे कितने कर्ज दिये हैं जो बाद में गैर- निष्पादित राशि (एनपीए) में परिवर्तित हो गये।
सूत्रों ने बताया कि यस बैंक के सीईओ रवनीत गिल से भी सोमवार को उनके मुंबई स्थित कार्यालय में ईडी ने पूछताछ की है।
राणा कपूर के अलावा एजेंसी ने उनकी पत्नी बिंदु, बेटी रोशिनी, राखी और राधा पर मामला दर्ज किया है। इसके अलावा दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रवर्तक कपिल वाधवन और डीएचएफएल से संबंधित कंपनी आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक धीरज राजेश कुमार वाधवन को भी आरोपी बनाया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई अधिकारियों की दस टीमें मुंबई में आरोपियों के आवास और आधिकारिक परिसरों में तलाशी ले रही हैं। वहीं प्राथमिकी में नामजद कपूर और वाधवान समेत सभी सातों आरोपियों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है।
इसके अलावा डीएचएफएल, आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, कपूर परिवार के नियंत्रण वाली डोल्ट अर्बन वेंचर्स, आरएबी एंटरप्राइजेज (लिंडिया) प्राइवेट लिमिटेड (जिसमें बिंदु राणा कपूर निदेशक थीं) और मॉर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड (जिसमें राणा कपूर की बेटियां निदेशक थीं) को भी आरोपी बनाया गया है।
सीबीआई वर्ली के समुद्र महल इमारत में स्थित कपूर के अपार्टमेंट के अलावा उनकी बेटी राखी और राधा के एनसीपीए परिसर स्थित आवास, वाधवन के घर सी-व्यू, पैलेस हिल्स की भी तलाशी ले रही है।
अधिकारियों के मुताबिक कपूर ने डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वाधवन के साथ आपराधिक षड्यंत्र कर यस बैंक के माध्यम से डीएचएफएल को वित्तीय सहायता मुहैया कराई और उसके बदले राणा के परिवार के सदस्यों को अनुचित लाभ मिला।
सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार घोटाला अप्रैल और जून, 2018 के बीच शुरू हुआ, जब यस बैंक ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के अल्पकालिक ऋण पत्रों में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
उन्होंने कहा कि इसके बदले वाधवन ने कथित रूप से कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को 600 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया। उन्होंने कहा कि यह लाभ डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को कर्ज के रूप में दिया गया।