सेव द चिल्ड्रन ने अपनी रिपोर्ट में किया खुलासा, 'बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाने की अपील' - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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सेव द चिल्ड्रन ने अपनी रिपोर्ट में किया खुलासा, ‘बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाने की अपील’

कोविड महामारी के बीच सारा ध्यान बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक कल्याण पर केंद्रित होने के साथ ही बच्चों के लिए मानसिक स्वास्थ्य को बढ़वा, मजबूती और इससे निपटने के लिए परिवारों, समुदायों, स्कूलों और नागरिक समाज और सरकार से अपील की गयी है।

कोविड महामारी के बीच सारा ध्यान बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक कल्याण पर केंद्रित होने के साथ ही बच्चों के लिए मानसिक स्वास्थ्य को बढ़वा, मजबूती और इससे निपटने के लिए परिवारों, समुदायों, स्कूलों और नागरिक समाज और सरकार से अपील की गयी है।
सेव द चिल्ड्रन ने अपने रिपोर्ट में किया खुलासा
सेव द चिल्ड्रन – बाल रक्षा भारत ने आज जारी अपनी प्रमुख रिपोर्ट में टीआरएसी 2022- द राइटट्स एंड एजेंसी ऑफ चिल्ड्रन के पहले संस्करण में यह अपील की है। चार यूएनसीआरसी (बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन) अधिकारों- उत्तरजीविता, विकास, संरक्षण, और सहभागिता, पर केंद्रित बच्चों के अधिकारों की प्राप्ति पर बच्चों की स्थिति और दृष्टिकोण पर इस रिपोर्ट का फोकस है। एक प्रमुख विषय पर वार्षिक फोकस होने के संदर्भ में इस साल टीआरएसी रिपोर्ट कोविड 19 के बीच ‘बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक कल्याण’ पर ध्यान केंद्रित करती है।
राकेश रंजन ने इस रिपोर्ट को जारी कर किया सराहना
नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रम के अतिरिक्त सचिव एवं मिशन निदेशक राकेश रंजन ने इस रिपोर्ट को जारी किया। बाल रक्षा भारत के अध्यक्ष दीपक कपूर ने इस मौके पर कहा ‘‘महामारी के बीच भारत के बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए भारत सरकार और सभी महत्वपूर्ण विकास संस्थाओं द्वारा किए गए सुसंगत और सफल प्रयासों की इस अवसर पर हम सराहना करते हैं। 
भविष्य सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करने में सहायता मिलेगी
निष्कर्षों के साथ टीआरएसी रिपोर्ट का यह पहला अंक प्रकाशित करते हुए बाल रक्षा भारत सम्मानित महसूस कर रही है और हमें पूरा विश्वास है कि इस रिपोर्ट से उचित नीतियों और कार्यक्रमों के निर्धारण, मानसिक कल्याण की चर्चा गहरी होने में और भारत के सभी बच्चों के लिए एक सुरक्षित, सम्मानजनक और खुशनुमा भविष्य सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई करने में सहायता मिलेगी।’’ कोविड-19 के बीच 4200 बच्चों के साथ मानसिक स्वास्थ्य और मनोसामाजिक कल्याण पर किया गया प्राथमिक अध्ययन, एक ग्लोबल ब्रीफ-सीओपीई स्टडी टूल का उपयोग करते हुए पिछले दो सालों में महामारी के कारण पैदा हुई परेशानियों का सामना करने के लिए बच्चों द्वारा इस्तेमाल की गई निपटने की रणनीति को प्रमुखता से सामने रखता है।
2030 के एजेंडा का क्या है असली मकसद 
बच्चो के अधिकारों का मूल्यांकन करने वाली इस रिपोर्ट के सबसे पहले संस्करण को प्रस्तुत करते हुए रंजन ने कहा, ‘‘संवहनीय विकास के लिए 2030 का एजेंडा दुनिया के बच्चों के लिए एक उज्जवल भविष्य के लिए सबसे ऊंची आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है और एक ऐसी दुनिया का निर्माण करने के लिए ब्लूपि्रंट का काम करता है जिसकी बच्चों को आवश्यकता है और जिसकी वे मांग कर रहे हैं। 
टीआरएसी रिपोर्ट लाने के लिए किया अभिनंदन 
सरकार द्वारा चलाए जाने वाले ऐसे कार्यक्रमों की सफलता को संभव बनाने के लिए बाल अधिकारों की प्रगति पर डाटा और साक्ष्य एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मैं सेव द चिल्ड्रन का अभिनंदन करता हूँ टीआरएसी रिपोर्ट लाने के लिए।’’ इस रिपोर्ट में बाल अधिकारों के चार स्तंभों के हिसाब से 15 राज्यों से संकलित किए गए डाटा से निकाले गए निष्कर्ष शामिल हैं और इसके साथ ही बच्चों के एजेंडा पर बजट, कार्यक्रम और पॉलिसी ट्रेंड्स पर द्वितीयक डाटा विश्लेषण भी उपलब्ध कराया गया है।

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