वैश्विक महमारी कोरोना वायरस के खतरे से उभरकर एक बार फिर देश वापिस पटरी पर लौट रहा है। ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार को बताया कि वह देश में पर्यटन स्थलों एवं उससे जुड़े आधारभूत ढांचे के विकास कार्य को आगे बढ़ाने के लिये स्वदेश दर्शन योजना के दिशानिर्देशों में बदलाव करने जा रही है और इसके बाद ‘स्वदेश दर्शन 2.0’ योजना लाई जाएगी।
रूडी ने बिहार के सोनपुर में गजग्राह के पास डॉल्फिन प्वांइट के बारे में पूछा
लोकसभा में राजीव प्रताप रूडी, जगदम्बिका पाल और दानिश अली के पूरक प्रश्नों के उत्तर में संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने यह जानकारी दी। रूडी ने बिहार के सोनपुर में गजग्राह के पास डॉल्फिन प्वांइट को योजना में शामिल करने के बारे में पूछा था। जगदम्बिका पाल ने बुद्ध सर्किट के बारे में और दानिश अली ने श्री वासुदेव तीर्थ स्थल मंदिर और सैयद शराफुद्दीन शाह विलायत दरगाह के बारे में सवाल किया था।
इस पर केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि स्वदेश दर्शन योजना-1 अभी जारी है और राज्य सरकार के सहयोग से इसके तहत सभी परियोजनाओं को साल 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों एवं उससे जुड़े आधारभूत ढांचे के विकास कार्य को आगे बढ़ाने के लिये स्वदेश दर्शन योजना के दिशानिर्देशों में बदलाव करने जा रहे हैं और इसके बाद ‘स्वदेश दर्शन 2.0’ योजना लाई जाएगी।
राज्य सरकारों के प्रस्तावों को शामिल किया जायेगा
रेड्डी ने कहा कि इसके बाद इसमें सांसदों और राज्य सरकारों के प्रस्तावों को शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में श्री वासुदेव तीर्थ स्थल मंदिर और सैयद शराफुद्दीन शाह विलायत दरगाह को स्वदेश दर्शन योजना के तहत स्वीकृत परियोजनाओं की सूची में शामिल नहीं किया गया है।
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मंत्री ने कहा कि पर्यटन का अवसंरचना विकास मुख्य रूप से राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। तथापि, पर्यटन मंत्रालय अपनी ‘स्वदेश दर्शन’ योजना के तहत पर्यटन अवसंरचना के विकास के लिए राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों/केंद्रीय एजेंसियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
रेड्डी ने कहा कि योजनाओं के तहत राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों के परामर्श से परियोजनाओं के विकास के लिए पहचान की जाती है और निधियों की उपलब्धता, उपयुक्त विस्तृत परियोजना रिपोर्ट प्रस्तुत करने, योजना दिशानिर्देशों का पालन करने, पहले जारी की गई निधियों के उपयोग पर विचार करते हुए स्वीकृति दी जाती है।