उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का कहर तेजी से बढ़ रहा है। संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है। इस बीच, सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार कोविड-19 की रोकथाम के लिए प्रभावी प्रयास कर रही है और वैश्विक महामारी से निपटने के लिए चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोविड-19 की रोकथाम के सम्बन्ध में मुख्यमंत्रियों के साथ आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उत्तर प्रदेश के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए सीएम योगी ने कहा कि 11 मई तक राज्य में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 1,786 है जबकि 1,655 मरीजों का पूर्ण उपचार किया जा चुका है। आज तक निगरानी पर रखे गए कुल व्यक्तियों की संख्या 2,99,761 है, जबकि 56,52,128 घरों का सर्वे किया जा चुका है।
सीएम योगी ने कहा कि कहा कि सर्वे किए गए घरों में कुल व्यक्तियों की संख्या दो करोड़ 81 लाख 8 हजार 871 है। प्रदेश में कोविड-19 की टेस्टिंग के लिये 26 सरकारी लैब संचालित है। अब तक 1,30,893 सैम्पल टेस्टिंग के लिए भेजे गए। राज्य में 53,459 आइसोलेशन बेड, 21,569 क्वारंटीन बेड तथा 1,631 वेंटिलेटर बेड उपलब्ध है। 228 एल-1, 75 एल-2 तथा 25 एल-3 कोविड चिकित्सालय स्थापित किए गए हैं। प्रदेश के सभी 75 जिलों के एल-2 कोविड अस्पतालों में वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है। कोरोना संक्रमितों की जानकारी प्राप्त करने के लिए पूरे प्रदेश में कुल 67,198 स्वास्थ्य दल क्रियाशील किए गए हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक गांव एवं शहर में निगरानी समितियां गठित की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 660 से निजी अस्पतालों में समस्त प्रोटोकॉल सुनिश्चित कर इमरजेंसी सेवाएं प्रारम्भ की जा चुकी है। 2200 से अधिक चिकित्सकों द्वारा प्रतिदिन टेलीमेडिसिन के द्वारा रोगियों को परामर्श दिया जा रहा है। लोगों की मदद के लिए लॉन्च किए गए आरोग्य सेतु एप को अब तक प्रदेश में 1.60 करोड़ लोगों ने डाउनलोड किया है। राज्य सरकार द्वारा कोविड की रोकथाम एवं बचाव हेतु आयुष कवच कोविड एप विकसित किया गया है, जिसे अब तक 2.75 लाख लोगों ने डाउनलोड किया है। उन्होने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश की कुल 61,990 इकाइयों द्वारा 643.80 करोड़ रुपए धनराशि का वेतन का भुगतान कराया गया है। प्रदेश में 95,369 इकाइयों द्वारा उत्पादन प्रारम्भ कर दिया गया है। इनमें 15.77 लाख श्रमिक कार्यरत हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक कुल 31.42 लाख श्रमिकों एवं निराश्रित व्यक्तियों को 1,000 रुपए की दर से 314.24 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता वितरित की जा चुकी है। इनमें निर्माण कार्य से जुड़े 17.04 लाख श्रमिक, नगरीय क्षेत्र के 8.24 लाख श्रमिक तथा ग्रामीण क्षेत्रों के 6.14 लाख श्रमिक शामिल हैं। प्रदेश की 45,480 ग्राम पंचायतों में कार्यरत 22.63 लाख मनरेगा श्रमिकों के साथ उत्तर प्रदेश, देश का अग्रणी राज्य है। उन्होंने बताया कि अब तक 9 लाख से अधिक प्रवासी कामगार/श्रमिकों को उत्तर प्रदेश वापस लाया जा चुका है। प्रदेश में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों की वापसी के मद्देनजर सरकार 20 लाख लोगों को रोजगार अथवा नौकरी देने की योजना पर कार्य कर रही है। इसके लिए श्रम सुधार आवश्यक था। इस उद्देश्य से राज्य सरकार ने अध्यादेश लागू करने का निर्णय लिया है।