पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए बहुजन समाज पार्टी (BSP) और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के बीच गठबंधन हो चुका है। दोनों पार्टियों ने शनिवार को गठबंधन का ऐलान करते हुए चुनाव में साथ उतरने का फैसला कर लिया। बीएसपी प्रमुख मायावती ने गठबंधन के बाद अपना पहला ट्वीट किया।
मायावती ने पंजाब में शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी द्वारा घोषित गठबंधन को नई राजनीतिक व सामाजिक पहल बताया। उन्होंने कहा कि ये गठबंधन निश्चय ही राज्य में जनता के बहु-प्रतीक्षित विकास, प्रगति व खुशहाली के नए युग की शुरूआत करेगा। इस ऐतिहासिक कदम के लिए लोगों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
1.पंजाब में आज शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी द्वारा घोषित गठबंधन यह एक नया राजनीतिक व सामाजिक पहल है, जो निश्चय ही यहाँ राज्य में जनता के बहु-प्रतीक्षित विकास, प्रगति व खुशहाली के नए युग की शुरूआत करेगा। इस ऐतिहासिक कदम के लिए लोगों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। 1/3
— Mayawati (@Mayawati) June 12, 2021
उन्होंने कहा, वैसे तो पंजाब में समाज का हर तबका कांग्रेस पार्टी के शासन में व्याप्त गरीबी, भ्रष्टाचार व बेरोजगारी आदि से जूझ रहा है, लेकिन इसकी सबसे ज्यादा मार दलितों, किसानों, युवाओं व महिलाओं आदि पर पड़ रही है, जिससे मुक्ति पाने के लिए अपने इस गठबंधन को कामयाब बनाना बहुत जरूरी है।
बीएसपी प्रमुख ने पंजाब की समस्त जनता से पुरज़ोर अपील करते हुए कहा कि वे अकाली दल व बीएसपी के बीच आज हुए इस ऐतिहासिक गठबंधन को अपना पूर्ण समर्थन देते हुए सन् 2022 के प्रारम्भ में ही होने वाले विधानसभा आमचुनाव में इस गठबन्धन की सरकार बनवाने में पूरे जी-जान से अभी से ही जुट जाएं।
बता दें कि पंजाब में करीब 33 प्रतिशत दलित वोट हैं और इसी वजह से राजनीतिक दलों की दलित वोट बैंक पर नजर बनी हुई है। अकाली दल बीएसपी के सहारे इस दलित वोट बैंक को हासिल कर एक बार फिर से सत्ता में आने की कोशिशों में जुटी है। बीएसपी पंजाब में पिछले 25 सालों से विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव लड़ती रही है लेकिन पार्टी को राज्य में कभी बड़ी जीत हासिल नहीं हुई, बावजूद वह दलित वोट को प्रभावित करती है।