उमेश पाल हत्याकांड में नामजद माफिया अतीक अहमद को कड़ी सुरक्षा के बीच सोमवार शाम 5: 30 बजे नैनी केंद्रीय जेल लाया गया। सोमवार दोपहर से ही नैनी जेल में पुलिस बल की भारी तैनाती रही और मीडिया कर्मियों का जमावड़ा लगा रहा।इसके अलावा नैनी जेल के मुख्य द्वार पर पुलिस बलों की तैनाती की गई और बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश रोक दिया गया। पुलिस के आला अधिकारी सुबह से ही इस पर मंत्रणा कर रहे थे कि नैनी जेल में अतीक अहमद को किस बैरक में रखा जाए।
प्रयागराज के पुलिस आयुक्त रमित शर्मा के मुताबिक 17 साल पुराने अपहरण के एक मामले में आरोपियों को 28 मार्च को अदालत में पेश किया जाना है। शर्मा के मुताबिक अदालत के आदेश के अनुक्रम में माफिया अतीक अहमद को प्रयागराज लाया गया है।प्रयागराज पुलिस और विशेष कार्यबल (एसटीएफ) की टीम रविवार शाम अतीक अहमद को गुजरात के साबरमती जेल से लेकर प्रयागराज के लिए रवाना हुई थी।
क्या है किडनैपिंग का मामला?
बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में गवाह बनने पर उमेश पाल अतीक अहमद के रडार पर आ गया था। लगातार उन्हें जान से मारने की धमकियां दी जाती थी। लेकिन जब उमेश नहीं माने तो 28 फरवरी 2006 को अतीक के इशारे पर उनका किडनैप कर लिया गया। उन्हें रात भर अतीक ने पीटा और जबरदस्ती हलफनामे पर दस्तखत भी करवा लिए थे। डर के मारे अगले दिन उमेश ने अतीक के पक्ष में गवाही भी दे दी। उमेश राज्य में सत्ता परिवर्तन का इंतजार कर रहा था। जब 2007 में मायावती की सरकार बनी तो उन्होंने अपने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। इसी मामले में बदला लेने के लिए अतीक ने उमेश की हत्या करवा दी थी।
24 फरवरी को प्रयागराज में कर दी गई थी उमेश की हत्या
उल्लेखनीय है कि गत 24 फरवरी को राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनके दो सुरक्षाकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के अगले दिन उमेश पाल की पत्नी की तहरीर पर अतीक अहमद, भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन और कई अन्य लोगों के खिलाफ धूमनगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।