क्या आप जानते हैं कि पहला वैलेंटाइन डे कब मनाया गया था? वैलेंटाइन डे को क्यों मनाया जाता है?
वैलेंटाइन डे को मानाने के पीछे कि कहानी क्या है? इन सभी सवालों के जवाब जानिए
वर्ष 496 में मनाया गया था पहला वैलेंटाइन डे
खबरों की माने तो वर्ष 496 में पहला वैलेंटाइन डे मनाया गया था।आज भले ही 14 फरवरी को दुनियाभर में वैलेंटाइन डे मनाया जा रहा है।लेकिन इसकी शुरुआत सबसे पहले रोमन फेस्टिवल से हुई थी। 5वीं शताब्दी के अंत तक, पोप गेलैसियस ने 14 फरवरी के दिन को सेंट वैलेंटाइन डे घोषित किया था और इसी के बाद से ही पूरी दुनिया में इसे मनाया जाने लगा।रोमवासियों के लिए तो ये एक त्योहार है और इसे इसी तरह से मनाया जाता है और इस दिन यहां सामूहिक विवाह भी होते हैं।
राजा क्लाउडियस थे प्रेम संबंधों के सख्त खिलाफ
‘ऑरिया ऑफ जैकोबस डी वॉराजिन’ की किताब में वैलेंटाइन डे की कहानी मिलती है. इसके अनुसार, यह दिन रोम के पादरी ‘संत वैलेंटाइन’ के नाम है।संत वैलेंटाइन 270ईसवीं में यहां थे और वो प्रेम को बढ़ावा देते थे। संत वैलेंटाइन दुनियाभर में प्यार का संदेश बांटने के लिए जाने जाते हैं।लेकिन, उस समय रोम के राजा क्लाउडियस प्रेम संबंधों के सख्त खिलाफ थे।वो प्रेम और प्रेम विवाह में विश्वास नहीं रखते थे।प्रेम और प्रेम विवाह को लेकर राजा क्लाउडियस का मानना था कि प्रेम या किसी के प्रति लगाव वही कारण है जिसकी वजह से सैनिकों का ध्यान भंग होता है और इसी कारण रोम के लोग सेना में भर्ती नहीं होना चाहते।यही वजह थी कि क्लाउडियस ने रोम में सैनिकों की शादी और सगाई पर पाबंदी लगा दी।
वैलेंटाइन को फांसी पर चढ़ा दिया गया
इस बात को लेकर संत वैलेंटाइन ने खुलेआम विरोध जताया और आवाज बुलंद की।संत वैलेंटाइन ने रोम के राजा के विरुद्ध जाकर पूरे शहर में कई शादियां करवाईं। इसी कारण संत वैलेंटाइन को फांसी पर चढ़ा दिया गया।यह दिन 14 फरवरी का था। संत वैलेंटाइन ने फांसी से पहले राजा के जेलर की बेटी के नाम एक चिट्ठी लिखी थी, इसमें संत वैलेंटाइन ने मौत के बाद अपनी आंखे उसकी नेत्रहीन बेटी को दान में देने की बात कही थी।भले ही संत वैलेंटाइन को सूली पर चढ़ा दिया गया, लेकिन प्यार करने वालों के लिए वो हमेशा के लिए अमर हो गए।हर साल संत वैलेंटाइन की याद में ही 14 फरवरी के दिन को वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाता है और इसे प्यार करने वालों का दिन कहा जाता है।