कुदरत का करिश्मा कितना निराला होता हैं ये तो आपने कई बार काफियो के साथ होते हुए भी देखा होगा लेकिन आज इसी करिश्मे से जुड़ा एक किस्सा हम आपको और सुनाने जा रहे हैं. अगर आपका वक्त अच्छा हो, तो आपको ऐसी-ऐसी चीज़ें मिल जाती हैं, जो दुनिया में दुर्लभ कही जाती हैं. ऐसा ही हुआ स्पेन में वैज्ञानिकों के एक ग्रुप के साथ, जिन्हें समंदर के किनारे मृत व्हेल की अंतड़ियों से कुछ ऐसा मिल गया, जिसने उन्हें हक्का-बक्का कर दिया.
लास पाल्मास विश्वविद्यालय में पशु स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा संस्थान के चीफ एंटोनियो फर्नांडीज रोड्रिग्ज ने जब मरी हुई व्हेल के शव का परीक्षण किया तो उन्हें पता चला कि वो डाइजेशन में दिक्कत होने की वजह से मरी है. ऐसे में उन्होंने उसका पेट फाड़कर अंदर देखना चाहा तो उन्हें मछली की आंतों में फंसा हुआ ऐसा खज़ाना मिला, जो रातोंरात किसी को भी करोड़पति बना सकता है.
मछली के पेट से निकला खज़ाना
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक रोड्रिग्ज को मछली की आंतों में फंसा 9.5 किलोग्राम का एक स्लेटी रंग का पत्थर मिला. किसी को अंदाज़ा भी नहीं था कि ये पत्थर एम्बरग्रीस था, जिसकी कीमत मार्केट में 5.4 मिलियन यानि 44 करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो सकती है. चूंकि ये पत्थर किसी आम आदमी या मछुआरे को नहीं बल्कि वैज्ञानिकों को मिला है, ऐसे में अब इसके लिए खरीदार की तलाश जारी है. संस्थान ने बताया है कि इससे मिले हुए पैसे को 2021 में ला पाल्मा पर फटे वॉल्कैनो के पीड़ितों की मदद में लगाया जाएगा.
आखिर कैसे अंतड़ियो तक पंहुचा खजाना?
दरअसल एम्बरग्रीस कहीं बाहर से नहीं आता है, बल्कि ये व्हेल मछली की ही उल्टी होती है. ये ठोस मोम जैसा पदार्थ होता है, जो समंदर में तैरता पाया जाता है. ये जिसके भी हाथ लगता है वो झट से अमीर बन जाता है. दरअसल व्हेल स्क्विड और कटलफिश खाती हैं, जिनका ज्यादातर भाग उनसे पच नहीं पाता और उल्टी के तौर पर बाहर आता है.
कई बार ये आंतों में ही फंसकर रह जाता है और एम्बरग्रीस अंदर ही बना लेता है, जो इस बार वैज्ञानिकों के हाथ लगा है. इसे समुद्र का तैरता हुआ सोना या खज़ाना कहा जाता है. इसका इस्तेमाल परफ्यूम बनाने में किया जाता है. वैसे भारत समेत ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में इसकी बिक्री पर प्रतिबंध है क्योंकि ये काफी दुर्लभ होता है.