आपने अपने दोस्तों या अपने से बड़ो से सुना होगा भूत-प्रेत की कहानी जिसमे आपको विस्वास करना काफी मुश्किल हो गया होगा क्योकि शायद ही हो कोई जो आज के समय में इन बातो पर भरोशा रखता हो। लेकिन कुछ कहानी ऐसी होती है जिन पर विश्वास करना काफी कठिन साबित होता है। आजतक इन कहानियो का कोई भी पता नहीं लगा सका है विज्ञान भी इनके सामने अपने हाथ बाँध चुकी है। बरमूडा ट्राएंगल, स्नेक आईलैंड जैसे ना जाने पूरे पृथ्वी पर कई सारे ऐसे जगह है।
कुछ ऐसे रहस्य है जिनका पता अभी तक तो नहीं पता चला है कही ऐसा हो तो आने वाले समय में पता चले। इन सभी रहस्य भरी कहानियों आज हम आपको उस कहानी के बारे में बताने जा रहे है जिसको आपने शायद ही सुना होगा। ये कहानी है उस रेल यात्रा की जो आज तक अपने मंजिल पर नहीं पहुंच पाई है। अपने पहले स्टेशन से सही-सलामत चली ट्रैन का आज तक पता नहीं चल पाया की ट्रैन कहाँ गई।
इटली में साल 1911 के समय में जब नए लोकोमोटिव ( इंजन ) कोच बनाने का काम ज़ानेटी रेलवे नाम की कंपनी ने किया था। कंपनी ने उसी साल जून में रेलमार्ग के लिए कुछ नई बोगियों का निर्माण किया। जिसका ट्रायल होना था। इसके लिए, कंपनी ने लोगों को मुफ्त ट्रेन की सवारी करने के लिए आमंत्रित करते हुए एक विज्ञापन चलाया। यात्रा के दिन ट्रेन को रोम स्टेशन पर तैयार किया गया था। इस ट्रेन में सवार 104 यात्रियों में चार रेल कर्मचारी शामिल थे। इसके बाद ट्रेन अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गई। इस बीच, उसके रास्ते में एक सुरंग पड़ी थी। जैसे ही ट्रेन ने सुरंग में प्रवेश किया, धुँआ-धुँआ छा गया और ट्रेन गायब हो गई।
एक बार सुरंग में प्रवेश करने के बाद, ट्रेन कभी भी अपने अंतिम जगह तक नहीं पहुँची। इस घटना को हुए एक सदी से अधिक हो गया है, लेकिन सुरंग में लापता ट्रेन के संबंध में कुछ पता नहीं चला है। लोग ट्रेन का इंतजार करते रहे, लेकिन ट्रेन कहां गई किसी को पता नहीं चला। सुरंग में गायब होने के कारण दो यात्री ट्रेन से उतरने में सफल रहे। हालांकि, जब वे लोग मिले तो दोनों की हालत बहुत खराब थी। दोनों को अस्पताल में इलाज ले लिए भर्ती कराया गया।
हालत में कुछ सुधार होने पर दोनों से घटना के बारे में पूछताछ की गई। एक ने तो किसी भी तरह की जानकारी देने से भी साफ इंकार कर दिया। हालांकि, दूसरे ने दावा किया कि ट्रेन सुरंग में गायब हो गई और वह इस बात से अनजान था कि वह इससे कैसे निकला। इसे “भूत ट्रेन” के रूप में भी जाना जाता है। कुछ का दावा है कि यह ट्रेन समय के माध्यम से यात्रा करके एक अलग दुनिया में पहुंच गई। आज तक इस ट्रैन का पता नहीं लगाया जा सका है।
नोट: पंजाब केसरी ऐसे किसी भी दावों का सही नहीं मानता है।