संघर्ष समाधान के लिए कतर के दूत मुतलाक बिन माजिद अल-कहतानी और विदेश मंत्रालय (एमईए) में संयुक्त सचिव जे पी सिंह के बीच अफगानिस्तान में स्थिति पर शुक्रवार को वार्ता हुई।
सूत्रों ने बताया कि आतंकवाद विरोधी और संघर्ष समाधान की मध्यस्थता के लिए कतर के विदेश मंत्री के विशेष दूत अल-कहतानी शनिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से मुलाकात करेंगे।
अल-कहतानी ने अफगान शांति प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उनकी भारत यात्रा अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा बढ़ती हिंसा पर वैश्विक चिंताओं के बीच हो रही है।
एक सूत्र ने कहा, ‘‘अल-कहतानी ने संयुक्त सचिव (पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान) जे पी सिंह से मुलाकात की और अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति और अफगान शांति प्रक्रिया में हालिया घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।’’
कतर की राजधानी दोहा अंतर-अफगान शांति वार्ता का स्थल रही है। खाड़ी देश अफगान शांति प्रक्रिया में भूमिका निभा रहा है।
अल-कहतानी ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि तालिबान से बात करने के लिए भारतीय अधिकारियों द्वारा एक चुपचाप यात्रा की गई है। क्यों? क्योंकि हर कोई यह विश्वास नहीं कर रहा है कि तालिबान हावी होगा और कब्जा करेगा, क्योंकि तालिबान एक प्रमुख घटक है, या होना चाहिए या अफगानिस्तान के भविष्य का एक प्रमुख घटक बनने जा रहा है।’’
उन्होंने ‘‘अमेरिका-नाटो की वापसी के बाद अफगानिस्तान में शांति की ओर देख रहे’’ विषय पर चर्चा के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए यह टिप्पणी की।
कतर के दूत ने विदेश मंत्रालय में सचिव (कांसुलर, पासपोर्ट और वीजा और प्रवासी भारतीय मामलों के विभाग) संजय भट्टाचार्य से भी मुलाकात की और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की।