यूरोपीय देश स्वीडन अपने खुले विचारों के लिए जाना जाता है. लेकिन बीते कुछ समय से इस्लाम के खिलाफ या कहे कुरान के खिलाफ स्वीडन के नागरिकों की लड़ाई चर्चा का केंद्र बनी हुई है. अब स्वीडन की न्यूज एजेंसी ने एक बड़ा खुलासा किया है. प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन के हवाले से एजेंसी ने बताया कि बड़ी संख्या में लोगों ने कुरान का अपमान करने के लिए आवेदन किया है. इसके बाद से ही देश को हाई अलर्ट पर रखा गया है.
प्रधानमंत्री क्रिस्टर्सन को कोई बड़ी अनहोनी का डर सता रहा है. मिली जानकारी के मुताबिक सरकार ने करीब 15 एजेंसियों को सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है. क्रिस्टर्सन का कहना है कि अगर अब कुरान जलाने की अनुमति दी गई तो देश में कुछ बड़ी घटना होने का खतरा बढ़ जाएगा.
सलवान मोमिका बना था चर्चा का केंद्र
सलवान मोमिका नाम के युवक को पिछले महीने कुरान जलाने की अनुमति मिली थी. सलवान का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था, जिसमें वह एक मस्जिद के बाहर कुरान को बार-बार फाड़ता है और फिर उसे आग के हवाले कर देता है. जानकारी के मुताबिक वह इराकी शरणार्थी हैं और उसका उद्देश्य स्वीडन में कुरान को बैन कराना है.
मिडिल ईस्ट और स्वीडन के संबंधों में आई खटास
प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन का कहना है कि स्वीडन अब आतंकी हमलों का टारगेट बन गया है. कुरान जलाने की घटनाओं ने देश को खतरे में डाल दिया है. एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने बताया कि सशस्त्र सेनाओं और कई कानून-प्रवर्तन एजेंसियों को मौजूदा हालात को देखते हुए तैयार रहने का निर्देश दिया है. बता दें कि कुरान के अपमान से जुड़े प्रदर्शनों के बाद मिडिल ईस्ट और स्वीडन के संबंध पहले की तरह सामान्य नहीं है. यमन के हूती विद्रोहियों ने स्वीडन के सामानों का बहिष्कार करने की घोषणा कर रखी है.
‘‘उल्लेखनीय है कि स्वीडन का कानून कुरान जलाने की अनुमति नहीं देता लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी के कानून के तहत इसे जलाया जा सकता है.’’