पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने औपचारिक तौर से स्पष्ट कर दिया है कि अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले विपक्ष के सामने तीन शर्तो की पोटली रखी गई हैं।
इमरान खान ने रखी तीन शर्तें…
1- इस्तीफे के बाद गिरफ्तारी न हो
2- NAB के तहत कोई मुकदमा न हो
3- शाहबाज की जगह कोई और प्रधानमंत्री बने
इमरान खान की तीसरी शर्त यह है कि उनके बाद विपक्षी दल पाकिस्तान का नया वजीर-ए-आजम शहबाज शरीफ को न बनाएं। शहबाज के अलावा किसी और को पीएम बनाया जाए। हालांकि इस मामले में विपक्ष ने इमरान खान की शर्तों का कोई जवाब नहीं दिया है।
विपक्ष शहबाज शरीफ ने व्यवस्था का मुद्दा उठाया
अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री खान के भाग्य का फैसला करने के लिए नेशनल असेंबली का एक महत्वपूर्ण सत्र शनिवार को शुरू हुआ। हालांकि, कुछ ही समय बाद स्पीकर असद कैसर ने सत्र को तब स्थगित करने का फैसला किया जब नेशनल असेंबली में नेता विपक्ष शहबाज शरीफ ने व्यवस्था का मुद्दा उठाया और स्पीकर को याद दिलाया कि वह शीर्ष अदालत के आदेश के अनुरूप आगे बढ़ने के लिए बाध्य हैं।
अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने का फैसला संविधान के विपरीत था
बृहस्पतिवार को 5-0 के एक ऐतिहासिक फैसले में, प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने फैसला सुनाया कि नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी का खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने का फैसला संविधान के विपरीत था।शीर्ष अदालत ने प्रधानमंत्री खान द्वारा राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को दी गई नेशनल असेंबली को भंग करने की सलाह को भी असंवैधानिक घोषित किया था और निचले सदन के अध्यक्ष को शनिवार को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने के लिए सत्र बुलाने का आदेश दिया था।