पंजाब में भाजपा विधानसभा चुनाव के लिए लगातार अपनी सियासी जमीन को खाद पानी ड़ाल रही है। अभी तक भाजपा ने अकाली दल के साथ विधानसभा चुनाव लड़ा हैं। जिस कारण चुनाव में दूसरे दलों के नेताओं को खीचने में लग रही है। कृषि कानून के बाद भाजपा पंजाब में अलग- थलग पड़ गयी थी। कृषि कानूनोंं के कारण ही शिरोमणि अकाली दल ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से नाता तोड़ लिया था। इसी कड़ी में भाजपा ने आज ने कई नेताओं को पाले में खींचा हैं।
कांग्रेस के पूर्व विधायक अरविंद खन्ना और शिरोमणि अकाली दल के नेता गुरदीप सिंह गोशा तथा पंजाब के दो अन्य प्रमुख नेता मंगलवार को यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गये।
पार्टी में शामिल होने वाले अन्य नेताओं में दिवंगत शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रमुख गुरचरण सिंह तोहरा के पोते और अमृतसर मार्केट कमेटी के पूर्व अध्यक्ष धर्मवीर सरीन के पोते कंवर सिंह तोहड़ हैं। ये सभी यहां भाजपा मुख्यालय में पंजाब प्रदेश प्रभारी गजेंद, सिंह शेखावत, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में नेता पार्टी में शामिल हुए।
इस मौके पर श्री शेखावत ने कहा, ‘‘ जिस तरह से पंजाब में अन्य राजनीतिक दलों के नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं, यह स्पष्ट संकेत है कि हमारी पार्टी जमीनी स्तर पर मजबूत हो रही है।
अब से पहले भी कई नेता बदल चुके पाला
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने सिरसा के भाजपा में शामिल होने पर उनका स्वागत किया था। सिरसा के बाद ही पंजाब में भाजपा में कई नेताओं को पार्टी में शामिल कराया गया थ। सियासी विश्लेष्क कहते हैं सिरसा के भाजपा में आने से पंजाब विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी बहुमत से सफलता मिलने की संभावना बढ़ गई है।