रंगपंचमी का का हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्व है क्योंकि इस पर्व के साथ ही होली का समापन हो जाता है।होली के पांच दिन बाद रंगपंचमी का त्यौहार माना जाता है।
रंग पंचमी के दिन एक-दूसरे को गुलाल लगाने का विधान है।इस दिन रंगों से नहीं बल्कि गुलाल से होली खेली जाती है।इस दिन हुरियारे गुलाल उड़ाते हैं। मान्यता है इस दिन इस दिन देवी-देवता भी पृथ्वी पर आकर आम मनुष्य के साथ गुलाल खेलते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल होलिका दहन 7 मार्च को होगी। इसके अगले दिन यानी 8 मार्च को होली खेली जाएगी।तो वहीं इसके पांच दिन बाद यानी 12 मार्च को रंगपंचमी का त्योहार मनाया जाएगा। आइए जानते हैं रंगपंचमी का शुभ मुहूर्त, महत्व और उपाय।
चैत्र माह की रंग पंचमी का शुभारंभ 11 मार्च, दिन शनिवार को रात 10 बजकर 6 मिनट पर होगा और इसका समापन 12 मार्च, दिन रविवार को रात 10 बजकर 2 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस साल रंग पंचमी का पर्व 12 मार्च को ही मनाया जाएगा।
रंग पंचमी का उपाय
रंग पंचमी के दिन श्री कृष्ण और राधा रानी को लाल गुलाल और पीले वस्त्र अर्पित करें। इससे आपके प्यार का आपके जीवन में आगमन होगा और अगर आप विवाहित हैं तो आपके वैवाहिक जीवन में मधुरता आएगी।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रंग पंचमी के दिन साधक एक पीले वस्त्र में एक सिक्का और हल्दी की एक गांठ डालकर उसे अच्छे से बांध दें और पूजा स्थल पर रख दें, इसके बाद माता लक्ष्मी की उपासना करें और पूजा के बाद उसे धन के स्थान पर या तिजोरी में रख दें।
रंग पंचमी के विशेष अवसर पर माता लक्ष्मी को सफेद रंग की मिठाई या सफेद खीर अर्पित करें। यह माता लक्ष्मी को बहुत प्रिय है और ऐसा करने से साधक के जीवन में धन और संपत्ति का आगमन होता है।