कहते हैं विघ्नहर्ता गणेश भक्तों के सारे संकट हर लेते हैं और उन्हें जीवन में सुख-शांति और समृद्धि देते हैं। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी पर गणपति की स्थापना की गई थी और अन्नत चौदस के दिन गणपति का विसर्जन किया जाएगा।जितनी खुशी के साथ गणेश चतुर्थी पर बप्पा की स्थापना की जाती है, उतनी ही खुशी और हर्षोल्लास के साथ बप्पा का विसर्जन भी किया जाता है। भले ही वे पल थोड़ा भावुक करने वाला होता, लेकिन रंग-गुलाल उड़ाते हुए, नाचते गाते बप्पा को विसर्जित किया जाता है और बप्पा को कहते हैं कि अगले बरस फिर आना।
बप्पा को जैसे शुभ मुहूर्त में स्थापित किया जाता है, वैसे ही शुभ मुहूर्त के अनुसार विदा किया जाता है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी तिथि 31 अगस्त को है। इस दिन गणेश जी की स्थापना की जाएगी। इसके बाद 10 दिनों तक गणेश उत्सव मनाया जाएगा, फिर 09 सितंबर को गणेश विसर्जन होगा। गणेश चतुर्थी हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर पड़ती है।
बप्पा को जैसे शुभ मुहूर्त में स्थापित किया जाता है, वैसे ही शुभ मुहूर्त के अनुसार विदा किया जाता है। बप्पा का विसर्जन पानी में किया जाता है।फिर चाहे वे कोई नदी या तालाब हो या फिर घर में किसी कुंड आदि में भी कर सकते हैं।
विसर्जन का मुहूर्त
दोपहर 1 बजे से 2:20 बजे तक
दोपहर 3:30 बजे से रात 8 बजे तक
ऐसी मान्यता है कि विधिपूर्वक विसर्जन करने वाले जातकों को गणेश जी मनचाहा वरदान देते हैं।