अजमेर के सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह की बारगाह में आज शान-औ-शौकत के साथ सरसों के फूलों का गुलदस्ता पेश कर बसंत उत्सव मनाया गया।
इस अवसर पर शाही चौकी के कव्वाल असरार हुसैन ने हजरत अमीर खुसरो द्वारा बसंत पर लिखे कलाम पेश किए। सभी कव्वाल सामूहिक रूप से निजाम गेट से दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन की सदारत में जुलूस के रूप में रवाना हुए। वे बेगमी दलान से होकर आस्ताना तक गए और ख्वाजा साहब की मजार पर बसंती फूलों से भरा गुलदस्ता पेश किया।
इस मौके पर दरगाह कमेटी के प्रतिनिधि व खादिमों ने भी शिरकत की। अनेक अकीदतमंदों ने भी बसंती फूल लेकर ख्वाजा साहब के दरबार में हाजिरी लगाई और अमन चैन की दुआ की।
गौरतलब है कि ख्वाजा साहब को पीले बसंती फूलों से बेहद लगाव था और उन्ही की पसंद को ध्यान में रखते हुए दरगाह शरीफ में प्रतिवर्ष बसंत पंचमी के मौके पर मुस्लिम तारीख के अनुसार बसंत पेश करने की परंपरा रही है।
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