श्रीलंका में आर्थिक सूखा पड़ चुका हैं। इस देश के नागरिक मूलभूत अवश्यकताओं के लिए तिलमिला रहे हैं। क्योंकि यह देश कर्ज में डूब गया हैं। श्रीलंका के वरिष्ठ वामपंथी नेता वासुदेव ननायक्कारा ने बुधवार को कहा कि देश में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के कारण पैदा हुई राजनीतिक उथल पुथल को मध्यावधि चुनाव कराकर समाप्त किया जाना चाहिये।
समावेशी गठन सरकार का निर्माण होना चाहिए
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनाव कराने से पहले कम से कम छह महीने के लिये एक समावेशी सरकार का गठन किया जाना चाहिये।‘डेमोक्रेटिक लेफ्ट फ्रंट’ के नेता ननायक्कारा उन 42 सांसदों में शामिल हैं, जिन्होंने सतारूढ़ श्रीलंका पोदुजन पेरामुन (एसएलपीपी) गठबंधन से खुद को अलग करने की घोषणा की है।
देश के लिए उच्चतम सरकार का गठन होना चाहिए
जानकारी के मुताबिक, ननायक्कारा ने कहा, ”यह सरकार आगे नहीं चल सकती। कम से कम छह महीने के लिये एक ऐसी सरकार का गठन होना चाहिये, जिसमें सबका प्रतिनिधित्व हो और फिर चुनाव होने चाहिये।”हालांकि उन्होंने विपक्षी खेमे से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि श्रीलंका इस समय सबसे बदतर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। देश में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन और रसोई गैस जैसे आवश्यक सामान की किल्लत हो गई है। प्रतिदिन 12 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है।
समावेशी गठन सरकार का निर्माण होना चाहिए
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनाव कराने से पहले कम से कम छह महीने के लिये एक समावेशी सरकार का गठन किया जाना चाहिये।‘डेमोक्रेटिक लेफ्ट फ्रंट’ के नेता ननायक्कारा उन 42 सांसदों में शामिल हैं, जिन्होंने सतारूढ़ श्रीलंका पोदुजन पेरामुन (एसएलपीपी) गठबंधन से खुद को अलग करने की घोषणा की है।
देश के लिए उच्चतम सरकार का गठन होना चाहिए
जानकारी के मुताबिक, ननायक्कारा ने कहा, ”यह सरकार आगे नहीं चल सकती। कम से कम छह महीने के लिये एक ऐसी सरकार का गठन होना चाहिये, जिसमें सबका प्रतिनिधित्व हो और फिर चुनाव होने चाहिये।”हालांकि उन्होंने विपक्षी खेमे से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया।
गौरतलब है कि श्रीलंका इस समय सबसे बदतर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। देश में विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन और रसोई गैस जैसे आवश्यक सामान की किल्लत हो गई है। प्रतिदिन 12 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है।