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विश्व में भारत बहुत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली देश है, अन्य देश कर रहे उसका अनुसरण : इजराइली राजदूत

इजराइल के राजदूत रॉन मल्का ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के बढ़ते प्रभाव का जिक्र करते हुए कहा कि पश्चिम एशिया समेत वैश्विक मामलों में और विशेषकर इजराइल के प्रति देश का जो रणनीतिक दृष्टिकोण है।

इजराइल के राजदूत रॉन मल्का ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के बढ़ते प्रभाव का जिक्र करते हुए कहा कि पश्चिम एशिया समेत वैश्विक मामलों में और विशेषकर के प्रति देश का जो रणनीतिक दृष्टिकोण है, उसे अन्य देश बहुत ध्यान से देख रहे हैं तथा कई उसका अनुसरण भी कर रहे हैं। मल्का ने साथ ही कहा कि विश्व में भारत बहुत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली देश है।
इजराइली राजदूत ने कहा कि इजराइल के भारत के साथ गहरे होते संबंधों का अरब देशों समेत अन्य देशों के साथ उसके संबंधों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में भारत और इजराइल के बीच सहयोग यह बता रहा है कि इजराइल के साथ मित्रता साझे तौर पर लाभदायक हो सकती है। इजराइल के अरब देशों मसलन संयुक्त अरब अमीरात तथा बहरीन के साथ सौहार्द्रपूर्ण संबंध स्थापित होना यह दिखाता है कि विश्व को यह अहसास हो रहा है कि फिलिस्तीनियों को अब अपनी काल्पनिक दुनिया से बाहर आकर यहूदी देश को मान्यता देनी चाहिए।
उन्होंने कहा, आगे का मार्ग शांति से ही निकलता है और हमें शांति से और खासकर पड़ोसियों के साथ मिलजुल कर रहने का तरीका खोजना चाहिए। दुनिया उम्मीद करती है कि फिलिस्तीन और अधिक यथार्थवादी हो और इस तथ्य को स्वीकार कर ले कि इजराइल वहां है, वहीं रहने वाला है और वह शांति के साथ रहना चाहता है। मल्का ने कहा कि विश्व अब यह समझ चुका है कि इजराइल और मुस्लिम जगत या इजराइल और अरब दुनिया के बीच कोई विवाद नहीं है। बस है तो इजराइल और फिलिस्तीन के बीच स्थानीय क्षेत्रीय संघर्ष है, इससे ज्यादा कुछ नहीं।
कुछ राजनीतिक संगठन यह दिखाने का प्रयास कर रहे हैं कि विवाद दरअसल यहूदियों और मुस्लिमों के बीच है, लेकिन ऐसा नहीं है। यह फैसला भारत का होगा कि वह पश्चिम एशिया शांति प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाना चाहता है या नहीं लेकिन उसकी 2 मामलों को अलग तरीके से देखने की नीति ने दुनिया में देश के ‘बड़े प्रभाव’ को पहले ही स्थापित कर दिया है। दुनिया यह समझ रही है कि वे इजराइल के साथ ‘मित्र और रणनीतिक साझेदार’ हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, यदि यह भारत के साथ संभव हो सकता है तो उनके लिए क्यों नहीं? भारत ने जिस तरह से इजराइल के साथ संबंध विकसित करना स्वीकार किया है वह पश्चिम एशिया के अन्य देश भी देख रहे हैं। निश्चित ही उसका प्रभाव है। भारत अधिक सक्रिय भूमिका में आना चाहता है या नहीं यह उसका अपना फैसला होगा। लेकिन मेरा खयाल है कि इजराइल और भारत के बीच जो हो रहा है, उसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की 2 मामलों को अलग तरीके से देखने की नीति- यह कि हम फिलिस्तीन के मामले का समर्थन करेंगे लेकिन साथ ही इजराइल का समर्थन भी करेंगे और इजराइल के साथ मित्र और महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार बनेंगे- इसे दुनिया ने देखा है।
उन्होंने कहा, भारत मजबूत बन रहा है और हम भी यही चाहते हैं। भारत को अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। भारत क्या कर रहा है, क्या कह रहा है, उसका रूख क्या है यह कई देशों के लिए महत्वपूर्ण है। विश्व में भारत बहुत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली देश है। पिछले महीने संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन ने इजराइल के साथ औपचारिक संबंध स्थापित करने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। मल्का उसी पृष्ठभूमि में बात कर रहे थे। भारत ने इन समझौतों का स्वागत करते हुए कहा था कि वह हमेशा से पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता का समर्थन करता आया है।

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