Indian cricket टीम में एक लंबा-चौड़ा क्रिकेटर लेकिन वह बहुत ही शांत स्वभाव का इंसान। वह बहुत ज्यादा बातूनी नहीं, बस जरूरत बोलने पर ही बोलने वाला। हम बात कर रहे हैं भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी जवागल श्रीनाथ जिनकी ड्रेसिंग रूम से मैदान पर एंट्री तक यही ऐसी छवि रहती थी।
लेकिन जैसे ही श्रीनाथ गेंदबाजी के लिए रनअप लेना शुरू करते सामने खड़ा बल्लेबाज का हलक सूखने लगता था। लंबाई और मजबूत कंधों का हर संभव इस्तेमाल करने वाले जगावल श्रीनाथ ने भारतीय क्रिकेट को अपने जीवन के अहम 11 साल दिए हैं।
श्रीनाथ को भारतीय टीम में कपिल देव के जूतों में पैर रखने का मौका मिला। लेकिन यह भी सच है कि श्रीनाथ जैसी आक्रामता या यह कहें कि उनके छोड़े गए जूते को फिर कोई भी अभी तक नहीं भर पाया है।
अलग होती थी ओवर की हर गेंद
जवागल श्रीनाथ कर्नाटक में जन्मे भारत के सबसे महान गेंदबाजों में से एक हैं। बल्लेबाजों को श्रीनाथ की गेंद की स्पीड डरा देती थी। जहां श्रीनाथ चाहते थे वहीं उनकी गेंद सटीक विकेट पर जाती और वहीं टप्पा खाती थी। श्रीनाथ ऐसे गेंदबाज थे जो एक ओवर में सभी 6 गेंद अलग-अलग तरह के डालते थे। यही उनकी खासियत थी और उनकी ताकत भी। तभी तो श्रीनाथ का एक ऐसा रिकॉर्ड है, जिसे अभी तक कोई दूसरा भारतीय तेज गेंदबाज तोड़ नहीं पाया है।
भारत के सुपर फास्ट गेंदबाज का शानदार रिकॉर्ड
जवागल श्रीनाथ Indian cricket टीम के सुपर फास्ट गेंदबाज थे। श्रीनाथ ने अपने क्रिकेट कैरियर में कई बार 150 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंदबाजी की है। साल 1999 में इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड की मेजबानी में वल्र्ड कप खेले गए के दौरान एक मैच में श्रीनाथ ने 152.5 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंद फेंकी। यह भारतीय क्रिकेट के इतिहास में फेंकी गई सबसे तेज गेंद है। इस स्पीड को तोडऩा तो दूर, आज तक कोई दूसरा भारतीय गेंदबाज उनकी बराबरी तक नहीं कर पाया है।
रिकॉर्ड तो तोड़ना दूर, अभी तक बराबरी भी नहीं कर पाए
ऐसा नहीं है कि श्रीनाथ के बाद Indian cricket में अच्छे तेज गेंदबाज नहीं आए। ईशांत शर्मा, वरुण आरोन, आशीष नेहरा, जहीर खान और उमेश यादव सरीखे स्टार गेंदबाजों ने देश का मान खूब बढ़ाया। लेकिन इनमें से कोई भी श्रीनाथ के रिकॉर्ड की बराबरी भी नहीं कर सका। साल 2008 में ईशांत शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया खिलाफ 152.6 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंदबाजी की थी। इसके बाद वरुण आरोन 152.5 किमी प्रतिघंटे, उमेश यादव 152.2 किमी प्रतिघंटे तो आशीष नेहरा 149.9 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से गेंद डाल चुके हैं।
जन्म हुआ मैसूर में, डिग्री ली इंजीनियरिंग की
जवागल श्रीनाथ का जन्म 31 अगस्त 1969 को कर्नाटक के मैसूर में हुआ। उन्होंने बचपन से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। श्रीनाथ ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उन्होंने 1999 में ज्योत्सना नाम की लड़की से पहली शादी की। लेकिन यह शादी ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकी। इसके बाद श्रीनाथ ने 2008 में शादी पत्रकार माधवी पत्रावली से शादी की।
पहले Indian cricket के गेंदबाज़ 300 विकेट लेने वाले
जवागल श्रीनाथ टीम इंडिया के पहले ऐसे तेज गेंदबाज हुए जिन्होंने वनडे इंटरनेशनल में 300 से ज्यादा विकेट चटकाए। यही नहीं, कपिल देव के बाद वह उस दौर में भारत के दूसरे ऐसे गेंदबाज हैं, जिन्होंने 200 से ज्यादा विकेट लिया था।
क्रिकेट का रजनीकांत कहा जाता है
साल 1989-90 के सीजन में जवागल श्रीनाथ ने हैदराबाद के खिलाफ मुकाबले से करियर की शुरुआत की। पहले ही मुकाबले में उन्होंने हैट्रिक विकेट लेकर इतिहास रचा। डेब्यू मैच में हैट्रिक लगाने वाले वे भारत के तीसरे और कर्नाटक के पहले गेंदबाज थे। इसी कारण श्रीनाथ को क्रिकेट का रजनीकांत भी कहा जाने लगा।
भारतीय क्रिकेटर जिसने खेले सबसे ज्यादा वर्ल्ड कप
जवागल श्रीनाथ का नाम सबसे ज्यादा क्रिकेट वर्ल्ड कप खेलने वाले इंडियन क्रिकेटर के रूप में भी दर्ज है। वह 1992, 1996, 1999 और 2003 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का हिस्सा रहे। इन वर्ल्ड कप मैचों में श्रीनाथ ने कुल 44 विकेट लिए। जवागल श्रीनाथ ने अपने इंटरनेशनल करियर में कुल 555 विकेट (टेस्ट मैच में 236 और एकदिवसीय मैच में 319 विकेट) लिए हैं।
रिटायर हो गए, लेकिन फिर बुला लिया गांगुली ने
साल 2002 में ही श्रीनाथ ने क्रिकेट से रिटायरमेंट की घोषणा कर दी थी। लेकिन 2003 वर्ल्ड कप के लिए टीम चुनी जा रही थी तो कप्तान सौरव गांगुली के विशेष आग्रह पर वह टीम में वापस लौटे। 2003 वर्ल्ड कप के बाद उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया।
संन्यास लिया, लेकिन नहीं छोड़ा क्रिकेट
हालांकि, संन्यास के बाद भी श्रीनाथ ने क्रिकेट को नहीं छोड़ा। 2006 में अंतराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने उन्हें मैच रेफरी के रूप में चुना। श्रीनाथ ने 24 टेस्ट मैच, 122 वनडे और 25 टी20 मैच की रेफरी की है। श्रीनाथ ने वन डे मैचों में लेग कटर और स्लोवर गेंदें फेंकनी शुरू कीं। वह नए गेंदबाजों के मेंटर भी बने। श्रीनाथ को अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है।
सबसे ज्यादा नॉट आउट में नंबर-2 वर्ल्ड कप में
श्रीनाथ बाद के दिनों में बतौर बल्लेबाज भी टीम इंडिया के सारथी बने। उन्होंने कई मौकों पर अंतिम ओवरों में टीम को मुश्किल से उबारा। स्टीव वॉ के बाद वह क्रिकेट वर्ल्ड कप के इतिहास में सबसे ज्यादा बार नॉट आउट रहने वाले दूसरे बल्लेबाज भी हैं।