महाराष्ट्र के गर्वनर भगत सिंह कोश्यारी ने अपने संवैधानिक पद को लेकर स्पष्ट किया कि वह इस राज्य का राज्यपाल बने रहने पर काफी गर्व महसूस करते है, जिनके पास देश की सबसे तकनीकी वाली पुलिस मौजूद है। इसके साथ ही सुरक्षा कर्मियों से तटीय सीमा, साइबर सुरक्षा, मादक पदार्थ तस्करी और नक्सलवाद से उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिक को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की अपील की।
1961 में पीएम नेहरू की याद में मनाया जाता है
कोश्यारी ने यह विचार महाराष्ट्र पुलिस के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रखे। उन्होंने इस मौके पर महाराष्ट्र पुलिस द्वारा आयोजित परेड का निरीक्षण किया और मार्च करते जवानों की टुकड़ी द्वारा पेश सलामी ली। यह दिन दो जनवरी 1961 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा राज्य पुलिस ध्वज देने की याद में मनाया जाता है। महाराष्ट्र पुलिस के स्थापना दिवस का मुख्य कार्यक्रम मुंबई के गोरेगांव स्थित राज्य आरक्षित पुलिस बल मैदान में आयोजित किया गया।
मैं राज्यपाल बनकर महसूस करता हूं- राज्यपाल
जानकारी के मुताबिक कोश्यारी ने कहा, ‘‘ मैं राज्य का राज्यपाल बनकर गर्व महसूस करता हूं जिसके पास देश की बेहतरीन पुलिस है।’’ उन्होंने राज्य पुलिस से साइबर सुरक्षा, मादक पदार्थ, नक्सलवाद और तटीय सीमा से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और अन्य आधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने की अपील की।राज्यपाल ने कोविड-19 महामारी के दौरान डॉक्टरों और नर्सों के साथ अग्रिम योद्धाओं के तौर पर डटे रहने के लिए पुलिस कर्मियों की प्रशंसा की। इस मौके पर महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक रजनीश सेठ, मुंबई के पुलिस आयुक्त विवेक फंसाल्कर और अन्य सेवारत एवं अवकाश प्राप्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, जवान और उनके परिवार के सदस्य मौजूद रहे।