प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 और अमृत 2.0 का शुभारम्भ किया। इन योजनाओं को सभी शहरों को ‘कचरा मुक्त’ और ‘पानी सुरक्षित’ बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। दिल्ली स्थित अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में इन योजनाओं की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने इन दोनों योजनाओं के दूसरे चरण को बीआर अंबेडकर के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, यह हमारा सौभाग्य है कि आज का कार्यक्रम बीआर अंबेडकर केंद्र में आयोजित किया गया है। उनका मानना था कि शहरी विकास समानता के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 और अमृत 2.0 का यह दूसरा चरण भी बीआर अंबेडकर के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
स्वच्छ भारत मिशन 2.0 का उद्देश्य शहरों को कचरा मुक्त बनाना
प्रधानमंत्री ने कहा, स्वच्छ भारत मिशन 2.0 का उद्देश्य शहरों को कचरा मुक्त बनाना है। इस दूसरे चरण के साथ, हमारा लक्ष्य सीवेज और सुरक्षा प्रबंधन, शहरों को जल-सुरक्षित बनाना और यह सुनिश्चित करना है कि गंदे नाले नदियों में न मिलें। भारत प्रतिदिन लगभग एक लाख टन कचरे का प्रसंस्करण कर रहा है, शहरों में कचरों के पहाड़ का निपटान और इसे पूरी तरह से हटा दिया जाएगा। ऐसा ही एक कचरे का पहाड़ दिल्ली में लंबे समय से है, जिसके हटने का इंतजार है।
कूड़ा फ़ैलाने को लेकर बच्चों ने बड़ों को दी चेतावनी
प्रधानमंत्री ने कहा, टॉफी के रैपर अब फर्श पर नहीं फेंके जाते बल्कि जेब में रखे जाते हैं। बच्चों ने बड़ों को आसपास कूड़ा न फैलाने की चेतावनी दी। युवा पहल कर रहे हैं। कोई बर्बादी से दौलत कमा रहा है तो कोई जागरुकता पैदा कर रहा है। सूखे और गीले कचरे का पृथक्करण है, जागरूकता है।
स्वच्छता एक दिन या कुछ लोगों का काम नहीं : PM
पीएम मोदी ने कहा, आज भारत हर दिन करीब एक लाख टन वेस्ट, प्रोसेस कर रहा है। 2014 में जब देश ने अभियान शुरू किया था तब देश में हर दिन पैदा होने वाले वेस्ट का 20% से भी कम प्रोसेस होता था। आज हम करीब 70% डेली वेस्ट प्रोसेस कर रहे हैं। अब हमें इसे 100% तक लेकर जाना है। उन्होंने कहा, हमें ये याद रखना है कि स्वच्छता, एक दिन का, एक पखवाड़े का, एक साल का या कुछ लोगों का ही काम है, ऐसा नहीं है। स्वच्छता हर किसी का, हर दिन, हर पखवाड़े, हर साल, पीढ़ी दर पीढ़ी चलने वाला महाअभियान है। स्वच्छता जीवनशैली है, स्वच्छता जीवन मंत्र है।
मिशन अमृत के अगले चरण का लक्ष्य सेप्टिक मैनेजमेंट और शहरों को वॉटर सिक्योर सिटीज बनाना
प्रधानमंत्री ने कहा, 2014 में देशवासियों ने भारत को खुले में शौच से मुक्त करने का संकल्प लिया था। 10 करोड़ से ज्यादा शौचालयों के निर्माण के साथ देशवासियों ने ये संकल्प पूरा किया। अब ‘स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन 2.0’ का लक्ष्य है गार्बेज फ्री शहर, कचरे के ढेर से पूरी तरह मुक्त शहर बनाना। मिशन अमृत के अगले चरण में देश का लक्ष्य सीवेज और सेप्टिक मैनेजमेंट बढ़ाना, अपने शहरों को वॉटर सिक्योर सिटीज बनाना और ये सुनिश्चित करना कि हमारी नदियों में कहीं पर भी कोई गंदा नाला न गिरे