जेएनयू : प्रेसिडेंशियल डिबेट में ‘जय श्री राम’ - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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जेएनयू : प्रेसिडेंशियल डिबेट में ‘जय श्री राम’

जेएनयू छात्र संघ चुनाव में शुक्रवार को छात्र अपना वोट डालेंगे। इसके लिए चुनाव समिति द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

नई दिल्ली : जेएनयू छात्र संघ चुनाव में शुक्रवार को छात्र अपना वोट डालेंगे। इसके लिए चुनाव समिति द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। वहीं गुरुवार को देर रात तक चली प्रेसिडेंशियल डिबेट में सभी छह उम्मीदवारों ने अपना पक्ष छात्रों के बीच रखा। 
प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान कैंपस के मुद्दों के अलावा धारा 370 हटाने और मॉब लिंचिंग और दलितों के साथ भेदभाव जैसे मुद्दे भी छाए रहे जिसके जरिए उम्मीदवारों ने अपने विरोधियों पर निशाना साधा। इस बीच निर्दलीय उम्मीदवार राघवेंद्र मिश्रा ने अपने संबोधिन से पहले जय श्री राम, भारत माता की जय, हर-हर महादेव, जय शिवाजी के नारे लगाया। इस बीच उपस्थित छात्रों ने कई मामलों में राघवेंद्र के लिए हूटिंग की। 
एबीवीपी के उम्मीदवार मनीष जांगिड़ ने भी वंदे मातरम, भारत माता की जय के नारों के साथ अपनी बात शुरू की। उन्होंने जम्मू कश्मीर की धारा 370 हटाए जाने का विरोध करने वाले और टुकड़े-टुकड़े गैंग पर हमला बोला। निर्वाचित होने पर एबीवीपी कैम्पस केंद्रित राजनीति का मॉडल पेश करेगी और वंचित वर्ग की महिलाओं का प्रवेश (डेप्रिवेंशन प्वाइंट) सुनिश्चित करेगी। 
उन्होंने छात्रावास और लाइब्रेरी जैसे बुनियादी व्यवस्था की भी बात कही। बिरसा आंबेडकर फूले छात्र संगठन (बापसा) उम्मीदवार जितेंद्र सुना ने भी अपने भाषण में कश्मीरी मामला और दलितों के साथ हो रहे शोषण की बात कही। उन्होंने कहा कि जब मैं कैंपेन कर रहा था तब छात्रों ने मुझसे कहा कि आपको तो हिंदी और अंग्रेजी सही से बोलनी नहीं आती आप कैसे डिबेट करोगे। इसपर उन्होंने कहा कि मैंने जेएनयू आने से पहले 2008 से 2019 तक मजबूरी की है। ये सघर्ष के दिन ही मेरी स्पीच है। सुना ने लेफ्ट और राइट दोनों को घेरा। 
छात्र राष्ट्रीय जनता दल की उम्मीदवार प्रियंका भारती ने कहा कि सरकार शिक्षा का निजीकरण करना चाहती है और वह वंचित पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों को इससे दूर करना चाहती है। केंद्र पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ये लोग केवल कश्मीरी लड़कियां और वहां जमीन चाहते हैं लेकिन कश्मीरी नहीं। एनएसयूआई के उम्मीदवार प्रशांत कुमार ने कहा कि हमसे दो करोड़ नौकरियों का वादा किया गया था लेकिन नौकरियां कहां हैं? नजीब के साथ जो हुआ मैं उसकी निंदा करता हूं। 
वाम एकता के अध्यक्ष पद की उम्मीदवार आईशी घोष ने पत्रकार गौरी लंकेश और विद्वान कलबुर्गी के विचारों से समर्थन जताया। उन्होंने कहा कि हम वे अखलाक, जुनैद और पहलू खान को नहीं भूले हैं, पूंजीवादी बल पूरे वि में दक्षिणपंथियों के उद्भव को प्रोत्साहित कर रहे हैं। वर्तमान केंद्र सरकार हो सकता है कि कल इस देश का नाम बदलकर भी रिलायंस जियो इंडिया कर दिया जाए।
छात्रों में झड़प…
प्रेसिडेंशियल डिबेट के दौरान लेफ्ट यूनिटी की ओर से आइशी घोष के भाषण के दौरान कुछ छात्रों के बीच झड़प हो गई। एसएफआई की जेएनयू यूनिट की सचिव दीपाली ने बताया कि इस झड़प में एसएफआई के जेएनयू यूनिट के वाइस प्रेसिडेंट वेंकटेश के सिर पर चोट आई है। उन्होंने इस मामले की पुलिस से शिकायत करने की बात कही है। दीपाली ने एबीवीपी के कार्यकर्ताओं पर मारपीट का आरोप लगाया है। यह नया नहीं है ये लोग अक्सर छात्रों के साथ गुंडागर्दी करते हैं।

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